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________________ लेश्या - कोश (ख) अलेम्से णं भंते ? साइए अपज्जवसिए । अशी जीव सादि अपर्यससित होते हैं । - जीवा० प्रति है । सू २६६ । पृ० २५८ २४५ • ६५ सलेशी जीव का लेश्या की अपेक्षा अंतरकाल * ६५१ कृष्णलेशी जीव का - कण्हलेसस्स णं भंते ? अंतरं कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई अंतोमुहुत्तमभहियाइ । - जीवा प्रति । सू २६६ । १० २५८ कृष्णलेशी जीव का कृष्णलेशीत्व की अपेक्षा जधन्य अन्तरकाल अन्तर्मुहूर्त का तथा उत्कृष्ट अन्तरकाल साधिक अन्तर्मुहूर्त तेतीस सागरोपम का होता है । *६५२ नीललेशी जीव का - एवं नीललेसस्स वि । — जीवा० प्रति । सू २६६ । पृ० २५८ नीललेशी जीव का नीललेशीत्व की अपेक्षा जघन्य अन्तरकाल अन्तर्मुहूर्त का तथा उत्कृष्ट अन्तरकाल साधिक अन्तर्मुहूर्त तेतीस सागरोपम का होता है । * ६५३ कापोतलेशी जीव का ( एवं ) काउलेसस्स वि । — जीवा० प्रति । सू २६६ । पृ० २५८ कापोतलेशी जीव का कापोतलेशीत्व की अपेक्षा जघन्य अन्तरकाल अन्तमुहूर्त का तथा उत्कृष्ट अन्तरकाल साधिक अन्तर्मुहूर्त तेतीस सागरोपम का होता है । Jain Education International -६५ ४ तेजोलेशी जीव का तेऊलेसस्स णं भंते ! अंतरं कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं वणस्सइकालो । - जीवा० प्रति । सू २६६ | पृ० २५८ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016038
Book TitleLeshya kosha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year2001
Total Pages740
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size11 MB
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