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________________ २२० लेश्या-कोश गमक-१-६. ब्रह्मलोक कल्पोपपन्न वैमानिक देवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ५८.१६ २३ ) उनमें नौ गमकों में ही एक पद्मलेश्या होती हैं । ( देखो पाठ ·५८ १८.२८ ) -भग० श २४ । उ २१ । सू ६ । पृ० ८४५ '५८ १९ २६ लान्तक कल्पोपपन्न वैमानिक देवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जीवों में गमक-१-६ लान्तक कल्पोपपन्न वैमानिक देवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ '५८ १९ २३ ) उनमें नौ गमकों में ही एक शुक्ललेश्या होती हैं । ( देखो पाठ ५८.१८ २६ ) -भग० श २४ । उ २१ । सू ६ । पृ. ८४५ .५८ १६२७ महाशुक्र कल्पोपपन्न वैमानिक देवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जीवों में गमक-१-६ महाशुक्र कल्पोपपन्न वैमानिक देवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ '५८.१६२३ ) उनमें नौ गमकों में ही एक शुक्ल लेश्या होती हैं । ( देखो पाठ ५८.१८.३० )। -भग० श २४ । उ २१ । सू ६ । पृ० ८४५ •५८ १९ २८ सहस्रार कल्पोपपन्न वैमानिक देवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जीवों मेंगमक-१-६ सहस्रार कल्पोपपन्न वैमानिक देवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ·५८.१६ २३ ) उनमें नौ गमकों में ही एक शुक्ललेश्या होती है । ( देखो पाठ ५८.१६-३१) -भग० श २४ । उ २१ । सू६ । पृ० ८४५ .५८ १९ २६ आनत यावत् अच्युत ( आनत, प्राणत, आरण तथा अच्युत ) देवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जीवों में गमक-१-६ आनत यावत् अच्युत देवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( आणयदेवे णं भंते ! जे भविए मणुस्सेसु उववजित्तए x x x ते णं भंते ! x x x एवं जहेव सहस्सारदेवाणं वत्तव्वया xxx Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016038
Book TitleLeshya kosha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year2001
Total Pages740
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size11 MB
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