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________________ लेश्या-कोश २१९ .५८ १९ २१ सौधर्मकल्पोपपन्न वैमानिक देवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जीवों में गमक-१-६ सौधर्मकल्पोपपन्न वैमानिक देवों से मनष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ५८.१६ १७ ) उनमें नौ गमकों में ही एक तेजोलेश्या होती है । ( देखो पाठ ५८.१८ २४7.५८.१०.१७) -भग० श २४ । उ २१ । सू ६ । पृ० ८४५ .५८ १९ २२ ईशानकल्पोपपन्न वैमानिक देवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जीवों में गमक-१-8 ईशानकल्पोपपन्न वैमानिक देवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ·५८.१६-१७ ) उनमें नौ गमकों में ही एक तेजोलेश्या होती है। ( देखो पाठ ·५८ २८ २५7.५८.१८ २४ ) -भग० श २४ । उ २१ । सूह । पृ० ८४५ .५८ १६.२३ सनत्कुमार कल्पोपपन्न वैमानिक देवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जीवों मेंगमक–१-६ सनत्कुमार कल्पोपपन्न वैमानिक देवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( x x x सणंकुमारादीया जाव'सहस्सारो'त्ति जहेव पंचिंदियतिरिक्खजोणियउद्देसए। xxx सेसं तं चेव x x x ) उनमें नौ गमकों में ही एक पद्मलेश्या होती हैं । ( देखो पाठ '५८ १८.२६) '५८.१६२४ माहेन्द्रकल्पोपपन्न वैमानिक देवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जीवों में गमक-१-६ माहेन्द्रकल्पोपपन्न वैमानिक देवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ·५८ १६.२३ ) उनमें नौ गमकों में ही एक पद्मलेश्या होती हैं । ( देखो .५८ १८.२७ )। -भग० श २४ । उ २१ । सू ६ । पृ. ८४५ '५८ १६.२५ ब्रह्मलोक कल्पोपपन्न वैमानिक देवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जीवों में Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016038
Book TitleLeshya kosha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year2001
Total Pages740
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size11 MB
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