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________________ १४३ लेश्या-कोश ___ एकपत्री पलास वृक्ष में प्रथम तीन लेश्या होती है। एक और अनेक जीव की अपेक्षा से इसके २६ विकल्प जानना । (घ) ( कुंभिए एगपत्तए ) एवं जहा पलासुद्देसए तहा भाणियव्वे । -भग० श ११ । उ ४ । सू ४७ । पृ० ४६१ एकपत्री पलास की तरह एकपत्री कु भिक में तीन लेश्या, २६ विकल्प होते हैं। __ (ङ) ( नालिए एगपत्तए ) एवं कुंभिएउद्देसगवत्तव्वया निरवसेसं भाणियव्वा । - भग० श ११ । उ ५ । सू ४६ । पृ० ४६२ एकपत्री नालिक वनस्पति में एकपत्री कुंभिक की तरह तीन लेश्या छव्वीस विकल्प होते हैं। (च) (पउमे एगपत्तए) एवं उप्पलुदेसग वत्तव्वया निरवसेसा भाणियव्वा । -भग० श ११ । उ ६ । सू ५१ । पृ० ४६२ एकपत्री पद्म वनस्पतिकाय में उत्पल की तरह चार लेश्या तथा अस्सी भांगे होते हैं। (छ) ( कन्निए एगपत्तए ) एवं चेव निरवसेसं भाणियव्वं । -भग० श ११ । उ ७ । सू ५३ । पृ० ४६२ एकपत्री कणिका वनस्पतिकाय में उत्पल की तरह चार लेश्या, अस्सी विकल्प होते हैं। (ज) ( नलिणे एगपत्तए) एवं चेव निरवसेसं जाव अणंतखुत्तो। -भग० श ११ । उ ८ । सू ५५ । पृ० ४६३ एकपत्री नलिन वनस्पतिकाय के उत्पल की तरह चार लेश्या तथा अस्सी विकल्प होते हैं। .१५.१० शालि, व्रीहि आदि वनस्पतिकाय में (क) इमके मूल में ___ साली वीही गोधूम-जव जवजवाणं xxx जीवा मूलत्ताएतेणं भंते ! जीवा किं कण्हलेस्सा नीललेस्सा, काऊलेस्सा, छव्वीसं भंगा। -भग० श २१ । व १ । उ १५ । सू १ । पृ० ८३५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016038
Book TitleLeshya kosha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year2001
Total Pages740
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size11 MB
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