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________________ ( 117 ) षट्खंडागम की मान्यता के अनुसार कहा है कि जीव के द्वारा अप्रतिगृहीत पुद्गल स्कन्धों में कृष्ण, नील आदि वर्ण होते है, यही द्रव्य लेश्या है जो कृष्णादि के भेद से छः प्रकार की है। उनके ये छः भेद द्रव्याथिक की विवक्षा से निर्दिष्ट है, पर्यायाथिकनय की विवक्षा से वह असंख्यात लोक प्रमाण भेदों वाली है। यथा--जिस शरीर में प्रमुखता से कृष्ण वर्ण पाया जाता है, उसे कृष्ण लेश्या वाला ( द्रव्य कृष्ण वाला ) कहा जाता है ।' भावलेश्या-मिथ्यात्व, असंयम, कषाय व योग के आश्रय से जीव के जो संस्कार उत्पन्न होता है उसे भाव लेश्या कहते हैं। उसमें तीव्र संस्कार को कापोत लेश्या, तीव्रतर संस्कार को नीललेश्या, तीव्रतम संस्कार को कृष्ण लेश्या मन्द संस्कार को तेजो लेश्या या पीत लेश्या, मंदतर संस्कार को पद्मलेश्या और मंदतम संस्कार को शुक्ललेश्या कहा जाता है ।२ उपाध्याय श्री विनय विजयजी ने इसी पक्ष को ग्राह्य ठहराया है। निक्षेप पद्धति शब्द के मौलिक एवं प्रसूत अर्थ के निकट पहुचने का अत्यन्त उपयोगी साधन है। नियुक्तिकार ने लेश्या शब्द के निक्षेप करते हुए लिखा है १- लेश्यानाममनुभागवन्ध हेतुतया स्थितिबन्ध हेतुत्वायोगात् अन्यन कर्म निस्पन्दः किं कर्मकल्क उत कर्मसार-न तावत् कर्मकल्कः, तस्यासारः तयोत्कृष्टानुभागबन्ध हेतुत्वानुपपत्तिः प्रसतेः कल्को हि असारो भवति असारश्च कथमुत्कृष्टानुभागः बन्ध हेतुः । अथचोत्कृष्टानुभाग बन्ध हेतवोऽपि लेश्या भवन्ति, अथ कर्मसार इति पक्षस्तहिं कस्य कर्मणः सारः इति वाच्यम् । यथायोग भ्रष्टानामपीति चेत् भ्रष्टानामपि कर्मणां शास्त्रे विपाका वर्ण्यन्ते न च कस्यापि लेश्या रूपो विपाक उपदर्शितः -प्रज्ञा० पद १७ । पृ० ३३१ तत्त्वतः स्थितिबंध का कारण कषाय नहीं, लेश्या है। जहाँ कषाय होती है वहाँ गाढ़ बंध होता है। स्थितिबंध का पाक कषाय से होता है। कर्म प्रवाह को लेश्या मानना यौक्तिक नहीं लगता । १. षट० पु १६ २. षट्० पु १६ ३. न लेश्या स्थिति हेतवः किन्तु कषायाः, लेश्यास्तु कषायोदयान्तर्गताः अनुभाग हेतवः, अतएव च स्थिति पाकविशेषस्तस्य भवति लेश्या विशेषेण । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016038
Book TitleLeshya kosha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year2001
Total Pages740
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size11 MB
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