SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 61
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ - १/२ द्रव्यलेश्या ( प्रायोगिक) - ११ द्रव्यलेश्या के वर्ण कण्हलेस्साणं भंते कइ वण्णा x x x पन्नता ? गोयमा ! दव्वलेस्सं पडुच्च पंचवण्णा xxx एवं जाव सुक्कलेस्सा | द्रव्य लेश्या के छहों भेद पांच वर्ण वाले हैं। ११.१ कृष्ण लेश्या के वर्ण । (क) कहस्सा णं भंते! वन्नेणं केरिसिया पन्नत्ता ? गोगमा ! से जहानामए जीमूए इ वा अंजणे इ वा खंजणे इ वा कज्जले इ वा गवले इ व गवलवलए इ वा जंबू वा अद्दारिपुप्फे इ वा परपुट्ठे इ वा भमरे इ वा भमरावली इवा गयकलभेइ वा किहकेसरे इ वा आगासथिग्गले इ वा कण्हासोए इ वा कण्हकंणare वा कहबंधुजीवए इ वा भवे एयारूवे ? गोयमा ! णो णट्ठे समट्ठ, कण्हलेस्सा इतो अतिरिया चेव अकंतरिया चेव अप्पियतरिया चेव अमणुन्नतरिया चेव अमणामतरिया चेव वन्नेणं पन्नत्ता । (ख) जीमूय निद्धसंकासा, - भग० श १२ । उ ५ । प्र १६ । पृ ६६४ गवलरिट्ठगसन्निभा । खंजणनयणनिभा, किण्हलेस्सा उ वण्णओ ॥ Jain Education International कालएणं - पण्ण० प १७ उ ४ । सू ३४ । पृ० ४४६ (ग) कण्हलेस्सा - पण्ण० प १७ | उ ४ । सू ४० | पृ० ४४७ घने मेघ, अंजन, खंजन, काजल, बकरे के सींग, वलयाकार सोंग, जामुन, अरीठे के फूल, कोयल, भ्रमर भ्रमर की पंक्ति, गज शावक, काली केसर, मेघाच्छादित घटाटोप आकाश, कृष्ण अशोक, काली कनेर, काला बंधुजीव, आँख की पुतली, आदि के वर्ण की कृष्णता से अधिक के अंकतकर, अनिष्टकर, अप्रीतकर, अमनोज्ञ तथा अनभावने वर्ण वाली कृष्णलेश्या होती है । कृष्ण लेश्या पंचवर्ण में काले वर्णवाली होती है । ११.२ नील लेश्या के वर्ण । (क) नीललेस्सा णं भन्ते ! केरिसिया वन्नेणं पन्नत्ता ? गोयमा ! से जहानामए भिंगए इ वा भिंगपत्ते इ वा चासे इ वा चासपिच्छए इ वा सुए इ वा सुयपिच्छे इ - उत्त० अ ३४ । गा ४ । पृ० १०४६ साहिज्जइ । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016037
Book TitleLeshya kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1966
Total Pages338
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy