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________________ लेश्या-कोश ७५ १५.२१ वेंगन आदि बनस्पतिकाय में ___ अह भंते ! वाइंगणिअल्लइपोंडइ एवं जहा पण्णवणाए गाहाणुसारेणं णेयव्वं जाव गंजपाडलावासिअंकोल्लाणं एएसि णं जे जीवा मूलत्ताए वक्कमंति एवं एत्थ वि मूलादीया दस उद्दसगा तालवग्गसरिसा यव्या जाव बीयंति निरवसेसं जहा वंसवग्गो। भग० श० २२ । व ४ । पृ० ८१२ वेंगन, अल्लइ, (सल्लई) पोंडइ, [धुंडकी, कच्छुरी, जासुमणा, रूपी आढकी, नीली, तुलसी, मातुलिंगी, कस्तुंभरी, पिप्पलिका, अलसी, वल्ली, काकमाची, बुच्चु पटोल कंदली, विउव्वा, वत्थुल, बदर, पत्तउर, सीयउर, जवसय, निगुडी, कस्तुबरि, अत्थई, तलउडा, शण, पाण, कासमर्द, अग्घाडग, श्यामा, सिन्दुवार करमर्द, अद्दरूसग, करीर, ऐरावण, महित्थ, जाउलग, भालग, परिली, गजभारिणी, कुव्वकारिया, मंडी, जीवन्ती, केतकी ] गंज, पाटला, वासी, अल्कोल-इनके मूल यावत् बीज में तीन लेश्या तथा २६ विकल्प होते हैं । '१५.२२ सिरियक आदि वनस्पतिकाय में अह भन्ते ! सिरियकाणवनालियकोरंटगबंधुजीवगमणोजा जहा पण्णवणाए पढमपए गाहाणुसारेणं जाव नलणी य कुंदमहाजाईणं एएसिणं जे जीवा मूलत्ताए वक्कमति एवं एत्थ वि मूलादीया दस उद्देसगा निरवसेसं जहा सालीणं ।। -भग० श २२ । व ५। पृ० ८१३ सिरियक, नवमालिका, कोरंटक, बन्धुजीवक, मणोज्जा, (पिहय, पाण, कणेर, कुज्जय, सिंदुवार, जाती, मोगरो, यूथिका, मल्लिका, वासन्ती, वत्थुल, कत्थुल, सेवाल, ग्रन्थी, मृगदन्तिका, चम्पक जाति, ) नवणीइया, कुंद, महाजाति-इनके मूल यावत् पत्र में तीन लेश्या तथा २६ विकल्प होते हैं। पुष्प, फल, बीज में चार लेश्या तथा अस्सी विकल्प होते हैं । '१५.२३ पूसफलिका आदि वनस्पतिकाय में अह भंते ! पूसफलिकालिंगीतुंबीतउसीएलावालुंकी एवं पयाणि छिंदियव्वाणि पण्णवणा गाहाणुसारेणं जहा तालवग्गे जाव दधिफोल्लइकाकलिसोकलिअकबोंदीणं एएसि णं जे जीवा मूलत्ताए वक्कमति एवं मूलादीया दस उह सगा कायव्वा जहा तालवग्गो, गवरं फलउह से ओगाहणाए जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं उक्कोसेणं धणुहपुहुत्तं, ठिई सम्वत्थ जहण्णेणं अन्तोमुहुत्त उक्कोसेणं वासपुहुत्त सेसं तं चेव । -भग० श० २२ । व ६ । पृ० ८१३ पूसफलिका, कालिंगी, तुंबडी, त्रपुषी, एलवालुंकी, (घोषातकी, पण्डोला, पंचागुलिका नीली, कण्डूइया, कठुइया, कंकोडी, कारेली, सुभगा, कुयधाय, वागुलीया, पाववल्ली, देवदाली, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016037
Book TitleLeshya kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1966
Total Pages338
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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