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________________ ७४ लेश्या-कोश ताड, तमाल-तक्कलि, तेतलि, साल, देवदार, सारग्गल यावत् केतकी, केला, कंदली, चर्मवृक्ष, गुंदवृक्ष, हिंगुवृक्ष, लवंगवृक्ष, सुपारीवृक्ष, खज़र, नारिकेल -इनके मूल, कंद-स्कन्ध, त्वचा (छाल ) शाखा में तीन लेश्या तथा २६ विकल्प होते हैं। अवशेष--प्रवाल, पत्र, पुष्प, फल, बीज में चार लेश्या तथा अस्सी विकल्प होते हैं । १५.१६ लीमडा, आम्र आदि वनस्पतिकाय में अह भंते ! निबंबजंबुकोसंबतालअंकोल्लपीलुसेलुसल्लइमोयइमालुयवउलपला. सकरंजपुत्तंजीवगरिठ्ठवहेडगहरियगभल्लाय उंबरियखीरणिधायइपियालपूश्य णिवायगसेण्हयपासियसीसवअयसिपुण्णागनागरुक्खसीवण्णअसोगाणं एएसि णं जे जीवा मूलत्ताए वक्कमंति एवं मूलादीया दस उद्दे सगा कायव्वा निरवसेसं जहा तालवग्गो । -भग० श २२ । व २। पृ० ८१२-१३ निम्ब, आम्र, जांबू, कोशंब, ताल, अंकोल्ल, पीलु , सेलु, सल्लकी, मोचकी, मालक, वकुल, पलाश, करंज, पुत्रजीवक, अरिष्ट, बहेड़ा, हरड, भिलामा, उबेभरिका, क्षीरिणी, धावडी, प्रियाल, पूतिनिम्ब, सेण्हय, पासिय, सीसम, अतसी, नागकेसर, नागवृक्ष, श्रीपर्णी, अशोक इनके मूल, कंद, स्कंध, त्वचा, शाखा में तीन लेश्या तथा २६ विकल्प होते हैं । अवशेष--प्रवाल, पत्र, पुष्प, फल, बीज में चार लेश्या तथा अस्सी विकल्प होते हैं। १५.२० अगस्तिक आदि वनस्पतिकाय में । अह भंते ! अत्थियातिदुयबोरकविट्ठअंबाडगमाउलिंगबिल्लआमलगफणसदाडिमआसत्थउंबरवडणग्गोहनंदिरुक्खपिप्पलिसतरपिलक्खुरुक्खकाउंबरियकुच्छंभरियदेवदालितिलगलउयछत्तोहसिरीससत्तवण्णदहिवण्णलोद्धधवचंदण अज्जुणणीवकुडुगकलंबाणं एएसि णं जे जीवा मूलत्ताए वक्कमंति ते णं भंते ! एवं एत्थ वि मूलादीया दस उद्द सगा तालवग्गसरिसा णेयव्वा जाव बीयं ।। -भग० श २२ । व २ । पृ० ८१३ अगस्तिक, तिंदुक, बोर, कोठी, अम्बाडग, बीजोरु, बिल्व, आमलक, पनस, दाडिम, अश्वत्थ ( पीपल ), उबर, वड, न्यग्रोध, नन्दिवृक्ष, पीपर, सतर, प्लक्षवृक्ष, काकोदुम्बरी, कस्तुम्भरि देवदालि, तिलक, लकुच, छत्रौंध, शिरिष, सप्तपर्ण, दधिपर्ण, लोध्रक, धव, चन्दन, अर्जुन, नीप, कुटज, कदम्ब-इनके मूल, कन्द, स्कन्ध, त्वचा, शाखा में तीन लेश्या तथा २६ विकल्प होते हैं। अवशेष—प्रवाल, पत्र, पुष्प, फल, बीज में चार लेश्या तथा अस्सी विकल्प होते हैं। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016037
Book TitleLeshya kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1966
Total Pages338
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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