SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 280
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( १६७ ) उस श्रेणिक राजा के धारिणी नाम की देवी थी । उस काल उस समय में श्रमण भगवान् महावीर पूर्वानुपूर्व - ग्रामानुग्राम से विहार करते हुए राजगृह नगर के गुणशिलक चैत्य में पधारे । पधार कर यथा प्रतिरूप अभिग्रह को धारण कर संयम और तप से अपनी आत्मा को भावित कर रहने लगे । तत्पश्चात् भ्रमण भगवान् महावीर राजगृह नगर के गुणशिलक चैत्य से निकल कर बाहर जनपद विहार करने लगे । . १६ तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिद्दे नयरे होत्था / चण्णओ / गुणसिलए इप / वण्णओ / जाव परिसा पडिगया । - भग० श१८ / ०३ / प्र५६ / पृ० ७६१ उस काल उस समय में राजगृह नाम का नगर था । गुणशील नामक उद्यान था । भगवान् महावीर का पदार्पण हुआ - यावत् परिषद् वंदन कर चली गई । इस अवसर पर माकंदी अनगार ने भगवान ने प्रश्नोत्तर किये थे । .१७ तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नामं नगरे होत्था । x x x गुणसिलए वेइए । रायगिहे नगरे सेणिए राया होत्था । x x x । तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे आइगरे तित्थयरे जाव गामाणुगामं दूइजमाणे जाव अप्पा भावेमाणे विहरइ । तरणं रायगिहे नयरे सिंघाडग-तिय-खडकचश्वर एवं जाव परिसा निग्गया जाव पज्जुवासइ । - दसासु० द १० / १,४ उस काल उस समय राजगृह नाम का नगर था । शैल्य चैत्य था | श्रेणिक राजा था - उस काल उस समय आदिकर तीर्थंकर भगवान् महावीर ग्रामानुग्राम विहार करते हुए अपनी आत्मा को भावित करते हुए पधारे । परिषद् का आगमन हुआ यावत् पर्युपासना करने लगी । • १८ राजगिहे जाव एवं वयासी x x x तपणं समणे भगवं महावीरे बहिया जाव विहरइ । - भग० का १८ / ०८ / सू० १ राजगृह नगर में गौतम स्वामी ने भगवान् महावीर से प्रश्नोत्तर किये । तत्पश्चात् श्रमण भगवान् महावीर बाहर के जनपद में विचरने लगे । -१९ तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे जाव पुढविसिलापट्टओ, तस्स गुणसिलस्स उज्जाणस्ल अदूरसामंते बहवे अन्नउत्थिया परिवसंति, तए समणे भगवं महाबीरे जाव समोसढे जाव परिसा पडिगया । - भग० श, उ८ / उ८ / ०२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016034
Book TitleVardhaman Jivan kosha Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1988
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy