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________________ ( १२८ ) अत्तए । 'तण्णं एसा देवाणंदा माहणी तेणं पुवपुत्तसिणेहरागेणं आगयपण्हया xxx समूसवियरोमकूवा ममं अणिमिसाए दिट्ठीए देहमाणी - देहमाणी चिट्ठइ ॥१४८॥ तएणं समणे भगवं महावीरे उसभदत्तस्स माहणस्स देवाणंदाए माहणीए तीसेय महतिमहालियाए इसिपरिसाए xxx परिसा पडिगया ॥१४९।।। __-मग० श /उ१३ इसके बाद उस देवानंदा ब्राह्मणी के पाना चढ़ा अर्थात उसके स्तनों में दूध आया । उसके नैन आनंदाश्रु ओं में भीग गये । हर्ष से प्रफुल्लित होती हुई उसकी भुजाओं को व नयों में रोका ( उसकी भुजाओं के कड़े तंग हो गये ) हर्ष से उसका शरीर प्रफुल्लित हो गया । उसकी कंचुकी विस्तीर्ण हो गई। मेघ की धारा से विकसित कदम्ब पुष्प के समान उसका सारा शरीर रोमांचित हो गया। वह श्रमण भगवान महावीर स्वामी की ओर अनिमेष दृष्टि से देखने लगी। इसके पश्चात् 'हे भगवन्' ! ऐसा कहकर गौतम स्वामी ने भमण भगवान महावीर स्वामी को वंदना-नमस्कार किया। वंदना-नमस्कार करके इस प्रकार पछा--हे भगवन् । उस देवानंदा ब्राह्मणी को किस प्रकार पाना चढ़ा । (इसके स्तनों में से दूष केसे आ गया) यावत उसको रोमाञ्च केसे हुआ? और आप देवानुप्रिय की ओर अनिमेष दृष्टि से देखती हुई क्यों खड़ी है ? हे गौतम ! ऐसा कहकर श्रमण भगवान महावीर स्वामी ने गौतम स्वामी से इस प्रकार कहा-हे गौतम ! यह देवानंदा मेरी माता है, मैं देवानंदा का आत्मज ( पुत्र ) हूँ । इसलिए देवानंदा को पूर्व के पुत्र स्नेहानुराग से पाना चढ़ा यावत रोमाञ्च हुआ और यह मेरी ओर अनिमेष दृष्टि से देखती हुई खड़ी है। इसके बाद श्रमण भगवान महावीर स्वामी ने ऋषभदत्त ब्राह्मण, देवानंदा ब्राह्मणी और उस बड़ी ऋषि परिषद् आदि को धर्मकथा कही, यावत् परिषद् वापिस चली गई। अथ भव्यानुग्रहाय ग्राभाकरपुरादिषु । विहरन् ब्राह्मणकुण्डप्रामेऽगात् परमेश्वरः ॥१॥ बहुशालाभिधोद्याने पुरात्तस्माद्बहिः स्थिते। चक्रुः समवसरणं त्रिवप्रं त्रिदशोत्तमाः ॥२॥ न्यषदत्प्राङ्मुखस्तत्र पूर्वसिंहासने प्रभुः । गौतमाद्या यथास्थानं सुराद्याश्चायतस्थिरे ॥३।। श्रुत्वा सर्वज्ञमायातं पौरा भूयांस आययुः । देवानन्दार्षभदत्तावेयतुस्तौ च दंपती ॥४॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016034
Book TitleVardhaman Jivan kosha Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1988
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
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