SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 184
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( १०१ ) तपणं ते कोड बियपुरिसा जमालिस्स खत्तियकुमारस्स जान पडिसुणिन्ता हाया जाव गहियणिज्जोआ जमालिस खत्तियकुमारस्स सीयं परिवहति । तपणं तस्स जमालिस खत्तियकुमारस्स पुरिससहस्वाहिणि लीयं दुरूढस्स समाणस्स तप्पढमयाए इमे अट्ठ- ट्ठमंगलगा पुरओ अहाणुपुवीए संपडिया ; तंजहा- सोत्थिय - सिरिवच्छ जावदप्पणा ; तयाणंतरं व णं पुण्णकलसभिंगारं जहा - ओववाइए, जाच गगणतलमगुलिहंतीपुरओ अहानुपुवीए संपट्टिया एवं जहा ओववाइय तहेव भाणियव्वं, जाव आलोयं च करेमाणा जयजयसहं पउंजमाणा पुरओ अहाणुपुव्वीए संपट्टिया । तयाणंतरं च णं बहबे उग्गा भोगा जहा ओववाइए जावमहापुरिसवग्गुरापरिक्खिता, जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पुरओ य मग्गओ य पासओ य अहाणुपुवीए संपट्टिया । - भग० श ६ / उ ३३ १६६ से २०४ जमाली कुमार के पिता ने कौटुम्बिक पुरुषों को बुलाकर इस प्रकार कहा- "हे देवानुप्रियो ! समान त्वचावाले, समान उम्रवाले, समान रूप लावण्य और यौवन गुणों से युक्त तथा एक समान आभूषण और वस्त्र पहने हुए एक हजार उत्तम पुरुषों को बुलाओ ।" सेवक पुरुषों ने स्वामी के वचन स्वीकार कर शीघ्र ही हजार पुरुषों को बुलाया । वे हजार पुरुष हर्षित और तुष्ट हुए । वे स्नानादि करके एक समान आभूषण और वस्त्र पहनकर जमालीकुमार के पिता के पास आये और हाथ जोड़ कर बधाये तथा इस प्रकार बोले "हे देवानुप्रिय ! हमारे योग्य जो कर्म हो वह कहिये । तब जमालीकुमार के पिता ने उनसे कहा - हे देवानुप्रियो ! तुम सब जमालीकुमार की शिबिका को उठाओ ।" उन पुरुषों ने शिबिका उठाई । हजार पुरुषों द्वारा उठाई गई जमालीकुमार की शिबिका के सबसे आगे ये आठ मंगल अनुक्रम ये चले । यथा १- - स्वस्तिक २- श्रीवत्स ३ - नन्द्यावर्त ४ - वर्धमानक ५- भद्रासन ६ - कलश ७ - मत्स्य और - दर्पण इन आठ मंगलों के पीछे पूर्ण कलश चला, इत्यादि औपपातिक सूत्र में कहे अनुसार ८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016034
Book TitleVardhaman Jivan kosha Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1988
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy