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________________ ३१ वर्धमान जीवन-कोश ओही, उक्लद्धो पुठवजम्मवुत्तन्तो। चिंतियं च णेण जहा-मझ सीसो विस्ट्ठिविण्णाणरहिओ, ता एयस्स उवइसामि तत्तं । ति चिंतिऊण ओइण्णो मत्तलोए । आगासस्थपंचमंडलकोवविठ्ठो तत्तं उदिसिउमाढत्तो, तंजहा-अव्वत्ताओ तिगुणपरिणामप्पहाणाओ वत्त पहवइ ति। तओ तस्सुवएसेणं सहित संजायंति । -चउप्पन्न० पृ०६७ व) शिष्यान् विधायासूर्यादीन स्वाचारानुपदिश्यच विपद्य च ब्रह्मलोके कपिलोऽप्यमरोऽभवत् ।। ७२ ।। स प्राग्जन्मावधेत्विा मोहादभ्येत्य भूतले । स्वयं कृतं सांख्यमतमासूर्यादीनबोधयत् ।। ७३ ।। तदाम्नायादत्र सांख्यं प्रावर्तत च दर्शनम् । सुखसाध्ये ह्यनुष्ठाने प्रायो लोकः प्रवर्तते ।। ७५ ॥ -त्रिशलाका० पर्व १० । सर्ग १ (श) कपिलो मरीचिसकाशे निष्क्रान्तः । --आव० निगा ३६६ । मलय टीका मरीचिका शिष्य कपिल भी आसूर्य आदि को स्वयं का शिष्य किया। उन्हें स्वय' के आचार वाला उपदेश दिया। कालान्तर में मृत्यु को प्राप्त होकर कपिल ब्रह्मदेवलोक में देव हुआ । वहाँ अवधि ज्ञान से स्वयं के पूर्व जन्म को जानकर उस पृथ्वी पर आया और उसने आसूर्य आदि को स्वय का सांख्य मत बताया। उसकी आम्नाय से इस पृथ्वी पर सांख्य दर्शन का प्रवर्तन हुआ । क्योंकि अधिकतर लोग सुखसाध्य अनुष्ठान में हो प्रवर्तन करते हैं। .०४ भगवान महावीर का जोव ब्रह्मकल्प देव में(क) मलयटीका-+++'अपडिक्कतो बंभे' त्ति स मरीचिश्चतुरशीतिपूर्वशतसहस्राणि सर्वायुष्कमनु पाल्य तस्मात् दुर्भाषिताद् गर्वाञ्चाप्रतिक्रांतः - अनिवृत्तः ब्रह्मलोकेदशसोगरोपमस्थितिर्देवः संजातः इति ॥ इक्खागेसु मरोई चउरासीई अ बंभलोअम्मि । ++ + | मलयटीका-गमनिका- इक्ष्वाकुषु मरीचिरासीत्, चतुरशीतिं च पूर्वशतसहस्राण्यायुष्क पालरित्वा 'बंभलोयंमि' ब्रह्मलोके कल्पे देवः संघृत्तः ++ + । -आव० निगा ४३६/४४० भगवान महावीय का जीव मरीचिकुमार भव का आयुष क्षय करके दुर्भाषित वचन ( परिव्राजक मत का प्रतिपादन ) करने से तथा ( भावी तीर्थकर होने के ) गर्व से अनिवृतः रहकर । ( एक काल में स्वध्याय एवं ध्यान युक्त होकर ) ब्रह्मलोक में दश सागरोपम स्थिति के देव रूप में उत्पन्न हुआ। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016033
Book TitleVardhaman Jivan kosha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1984
Total Pages392
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size24 MB
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