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________________ विषय सूची •००४ विषय पृष्ठ संकलन-संपादन में प्रयुक्त ग्रन्थों को संकेत सूची आशीर्वचन -आचार्य तुलसी 7 जन वाङ्मय का दशमलव वर्गीकरण जीव का वर्गीकरण जीवनी का वर्गीकरण प्रकाशकीय प्रस्तावना दो शब्द -नवरतनमल सुराना 26 भूमिका (Foreword) -डा. ज्योतिप्रसाद जैन 28 भगवान (महावीर) के पूर्व भव पूर्व भव विवेचन अनन्त-संसार-भ्रमण भगवान महावीर का जीव ग्रामचिंतक-नयसारभिल्ल-पुरूरवाभिल्ल के भव में पूर्वभव में प्रथम बार सम्यक्त्व प्राप्तभगवान महावीर का जीव--सौधर्मकल्प देव में भगवान् महावीर का जीव-मरीचिकुमार भव में-नीच गोत्रकर्म का उपार्जन भावी तीर्थकर वर्धमान मिथ्यामत की प्ररूपणा-शिष्यत्व के लोभ से मरीचि के शिष्य कपिल द्वारा सांख्य दर्शन का प्रवर्तन भगवान् महावीर का जीव ब्रह्मकल्पदेव मेंभगवान महावीर का जीव-कौशिक परिव्राजक भव में अथवा जटिल ब्राह्मण भव में (क) कौशिक परिव्राजक भव में (श्वे) (ख) जटिल ब्राह्मण भव में (दिग्० ) चतुर्गति संसारभ्रमण • worror .. . .०४ Mr m •०५ ( 32 ) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016033
Book TitleVardhaman Jivan kosha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1984
Total Pages392
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size24 MB
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