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________________ २ - ध्यात — धौंकनी से उत्पन्न वायु । ३ - पीडित - गीले कपड़ों के निचोड़ने आदि से उत्पन्न वायु । वासादि । ४ - शरीरानुगत – प्रकार, उच्छ ५ - संमूच्छिम - पंखा झलने आदि से उत्पन्न वायु । पुद्गल-कोश नोट-पांच प्रकार के वायु उत्पत्ति काल में अचेतन होती है और परिणामान्तर होने पर सचेतन भी हो सकती है । अणुचटन निर्गमः । भेदः षोढोत्कर चूर्णखंडचूर्णिकाप्रत राणुचटन विकल्पात् ॥ १५ भेदः षोढा भिद्यते । कुतः उत्कराविविकल्पात् । तत्रोत्करः काष्ठादीनां करपत्रादिभिरुत्करणं । चूणों यवकोधूमादीनां सक्तुकणिकादिः । खण्डो घटादीनां कपालशर्करादिः वः । चूर्णिका - माषमुद्गदादीनां । प्रतरोऽभ्रपटलादीनां । तप्तायः पिंडादिष्वयोद्यनादिभिरभिहन्य मानेषु स्फुलिंग • ९५ अजीव परिणाम- 9 • १ भेद परिणाम — तत्त्वराज० अ ५ । सू २४ । टीका भेद छः प्रकार का है– (१) उत्कर, (२) चूर्ण, (३) खण्ड, (४) चूर्णिका, (५) प्रतर और (६) अनुतटिका । ६२७ - पुद्गल परिणाम - Jain Education International (क) ( अजीवपरिणामे णं भंते ) दसविहे पनते, तंजहा xxx भेय - परिणामे x x x । भेद परिणामे णं भंते ! कइविहे पलते ? गोयमा ! पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा- खंडाभेयपरिणामे जाव उक्करिया भेदपरिणामे । - पण्ण० पद १३ सू ४१८ भेद परिणाम के पांच भेद है १ – उत्करिका, २ - चूर्णिका ३ - प्रतर ४- अनुतटिका और ५ खण्ड | (ख) ( दसविधे अजीव परिणामे ) भेदपरिणामे टीका-भेदपरिणाम: पश्वधा, तत्र खण्डभेदः, क्षिप्तमृत्पिण्डस्येव १ प्रतरभेदोऽम्रपटलस्येव २ अनुतटभेदो वंशस्येव ३ चूर्णभेदः चूर्णनं ४ उत्करिका भेदः समुत्कीर्यमाणप्रस्थकस्येवेति । - ठाण० स्था १० सू ७१३ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016030
Book TitlePudgal kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1999
Total Pages790
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size12 MB
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