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________________ ६०६ पुद्गल - कोश नोट - इन सातों पुद्गल परिवर्त की रचना पुद्गलों से होती है । पुद्गलों के साथ एक - वह पुद्गल परिवर्त है । • ४४ प्रयोग परिणत मिश्रपरिणत वित्रसापरिणत पुद्गलों की अल्पबहुत्व एएसि णं भंते ! पोग्गलाणं पओगपरिणयाणं मोसापरिणयाणं, वीससापरिणयाणं य कयरे कयरेहितो जाव विसेसाहिया वा । गोयमा ! सव्वत्थोवा पोग्गला पओगपरिणया, मीसापरिणया अनंतगुणा, बोससापरिणया अनंतगुणा । - भग० श ८ । उ२ । सू ८४ । पृ० ३२९ सबसे कम प्रयोग परिणत पुद्गल है, उससे मिश्र परिणत पुद्गल अनन्तगुणे हैं, उससे विस्रसा परिणत पुद्गल अनन्तगुणे हैं । - ४५ द्रव्य की अपेक्षा परमाणु पुद्गल तथा दोप्रदेशी स्कंध की अल्पबहुत्व एएसि णं भंते ! परमाणुपोग्गलाणं, दुपए सियाण य खंधाणं दव्वट्टयाए कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा, बहुया वा, तुल्ला वा, विसेसाहिया वा ? गोमा ! दुपए सिएहंतो खंधेहितो परमाणुपोग्गला दव्वट्टयाए बहुया । - भग० श २५ । उ ४ । सू १५१ । पृ० ९२१ द्रव्य की अपेक्षा द्विप्रदेशी स्कंध से परमाणु पुद्गल अधिक है । • ४६ द्रव्य की अपेक्षा परस्पर स्कंध पुद्गलों की अल्पबहुत्व एएसि णं भंते ! दुपएसियाणं तिपएसियाण य खंधाणं दव्वट्टयाए करे करेहितो बहुया ? गोयमा ! तिपएसिएहितो बंधेहितो दुपएसिया खंधा दव्वट्टयाए बहुया, एवं एएणं गमएणं जाव - दसपएसिएहितो बंधेहितो नवपएसिया खंधा दव्वट्टयाए बहुया । [ सू १५२ ] समस्त एएसि णं भंते ! दसपएसियाणं - पुच्छा । गोयमा ! दसपएसिए हितो खंधेहितो संखेज्जप एसिया खंधा दव्वट्टयाए बहुया । [ सू १५३ ] एएसि णं भते ! संखेज्जपए सियाणं - पुच्छा । गोयमा ! एसिएहितो बंधेहितो असंखेज्जपएसिया खंधा बव्वट्टयाए [ स १५४ ] Jain Education International For Private & Personal Use Only संखेज्ज - बहुया । www.jainelibrary.org
SR No.016030
Book TitlePudgal kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1999
Total Pages790
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size12 MB
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