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________________ पुद्गल-कोश द्वापरयुग्म तथा कदाचित् कल्योज रूप संख्या होती है। व्यक्तिगत रूप से कथन करने पर उनकी संख्या कल्पोज रूप ही होती है परन्तु कृतयुग्म, त्र्योज रूप व द्वापरयुग्म नहीं होती है। .२ प्रदेश अपेक्षा परमाणुपोग्गले णं भंते ! पएसट्टयाए कि कडजुम्मे० पुच्छा। गोयमा! नो कडजुम्मे, नो तेओगे, नो दावरजुम्मे, कलिओगेxxx। परमाणुपोग्गला णं भंते ! पएसट्टयाए कि कडजुम्मा-पुच्छा। गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा, जाव सिय कलियोगा। विहाणदेसेणं नो कमजुम्मा नो तेओगा' नो दावरजुम्मा, कलियोगा। -भग• श २५ । उ ४ । सू ६१-६६ । पृ० ८६७ __ एक परमाणु पुद्गल -प्रदेश रूप से कृतयुग्म नहीं है, व्योज रूप नहीं है, द्वापरयुग्म नहीं है परन्तु कल्योज रूप है। परमाणु पुद्गलों का औधिक विवेचन करने से प्रदेश रूप से उनकी संख्या कदाचित् कृतयुग्म, कदाचित त्र्योज रूप, कदाचित् द्वापरयुग्म तथा कदाचित् कल्योज रूप होती है। तथा विधाना देश से ( व्यक्तिगत रूप से ) विवेचन करने पर प्रदेश रूप से उनकी संख्या कृतयुग्म, व्योज रूप, द्वापरयुग्म नहीं होती है परन्तु कल्योज रूप होती है। •३ क्षेत्रावगाहित परमाणु अपेक्षा प्रदेशावगाह की अपेक्षा परमाणुपोग्गले णं भंते ! कि कडजुम्मपएसोगाढे-पुच्छा। गोयमा ! मो कढजुम्मपएसोगाढे, नो तेओगपएसोगाढे, नो दावरजुम्मपएसोगाढे, कलियोगपएसोगाढे x x x।परमाणुपोग्गलाणं भंते ! कि कडजुम्म-पुच्छा। गोयमा। ओघादेसेणं कडजुम्मपएसोगाढा, णो तेओगपएसोगाढा, नो दावरपएसोगाढा, नो कलियोगपएसोगाढा। विहाणादेसेणं नो कडजुम्मपएसोगाढा, नो तेओगपएसोगाढा, वोदावरपएसोगाढा, कलिओगपएसोगाढा। टोका-परमाणुः कल्योजप्रदेशावगाढ एव एकत्वात् । परमाणुपोग्गलाणमित्यादि-तत्रौषतः परमाणवः कृतयुग्मप्रदेशावगाढ़ा एवं भवन्ति सकल Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016030
Book TitlePudgal kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1999
Total Pages790
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size12 MB
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