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________________ ३२१ पुद्गल-कोश (१) द्रव्यार्थ से तुल्य । (२) प्रदेशार्थ से तुल्य । (३) अवगाहनार्थ से तुल्य । (४) स्थिति अपेक्षा से तुल्य । (५) वर्ण-गंध-रस-स्पर्श अपेक्षा से षट्स्थान हीनाधिक वा तुल्य । जघन्य स्थिति ( एक समय ) वाले परमाणु पुद्गल में भी वर्ण-गंध-रस-स्पर्श गुणों के पर्याय अनंत होते हैं अतः जघन्य स्थिति वाले परमाणु पुद्गल में भी इन अपेक्षाओं से अनंतपर्याय होते हैं—ऐसा निरूपण किया गया है। जघन्य स्थिति ( एक समय स्थिति ) वाले परमाणु पुद्गल जघन्य स्थिति वाले परमाणु पुद्गल से द्रव्य रूप से तुल्य होते हैं । ___जघन्य स्थिति वाले परमाणु पुद्गल जघन्य स्थिति वाले परमाणु पुद्गल से प्रदेश रूप से तुल्य होते हैं। जघन्य स्थिति वाले परमाणु पुद्गल जघन्य स्थिति वाले परमाणु पुद्गल से अवगाहना रूप से तुल्य होते हैं । जघन्य स्थिति वाले परमाणु पुद्गल जघन्य स्थिति वाले परमाणु पुदगल से स्थिति रूप से तुल्य होते हैं । जघन्य स्थिति वाले परमाणु पुद्गल जघन्य स्थिति वाले परमाणु पुद्गल से वर्णपर्याय रूप से षट्स्थान न्यूनाधिक है अथवा तुल्य है । जघन्य स्थिति वाले परमाणु पुद्गल जघन्य स्थिति वाले परमाणु पुद्गल से गंधपर्याय रूप से षट्स्थान न्यूनाधिक है अथवा तुल्य है । जघन्य स्थिति वाले परमाणु पुद्गल जघन्य स्थिति वाले परमाणु पुदगल से रसपर्याय रूप से षट्स्थान न्यूनाधिक है अथवा तुल्य है । जघन्य स्थिति वाले परमाणु पुद्गल जघन्य स्थिति वाले परमाणु पदगल से स्पर्शपर्याय रूप से शीतस्निग्ध अथवा शीत-रूक्ष अथवा उष्णस्निग्ध अथवा उष्णरूक्ष पर्याय रूप से) षट्स्थान न्यूनाधिक है अथवा तुल्य है। उत्कृष्ट स्थितिवाले परमाणु पुद्गल में अनंतपर्याय होते हैं । उत्कृष्ट स्थिति वाले परमाणु पुद्गल की अन्यान्य उत्कृष्ट स्थिति वाले परमाणु पुद्गल से तुलना Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016030
Book TitlePudgal kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1999
Total Pages790
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size12 MB
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