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________________ २९६ पुद्गल - कोश तिपएसिए खंघे एगयओ चउपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दो दुपएसिया खंधा एगयओ चउप्पएसिए बंधे भवइ अहवा एगयओ दुपएसिए बंधे एगयओ दो तिपएसिया खंधा भवति, चउहा कज्जमाण एगयओ तिन्नि परमाणुपोग्गला एगयओ पंचपएसिए बंधे भवइ अहवा एगयओ दोन्नि परमाणुपोग्गला एगयओ दुपएसिया बंधे एगयओ चउप्पएसिए बंधे भवइ अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ दो तिपएसिया खंधा भवति, अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दो दुपएसिया बंधा एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ अहवा चत्तारि दुपएसिया खंधा भवंति, पंचहा कज्जमाणे एगयओ चत्तारि परमाणुपोग्गला एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ तिन्नि परमाणुपोग्गला एगयओ दुपएसिए बंधे एगयओ तिपएसिए बंधे भवइ अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ तिन्नि दुपए सिया खंधा भवति, छहा कज्जमाणे एगयओ पंच परमाणुपोगला एगयओ तिपए सिए बंधे भवइ अहवा एगयओ चत्तारि परमाणुपोग्गला एगयओ दो दुपएसिया खंधा भवन्ति, सत्तहा कज्जमाण एगयओ छ परमाणुपोग्गला एगयओ दुपए सिए खंधे भवइ, अट्ठहा कज्जमाण अट्ठ परमाणुपोग्गला भवंति । -- भग० श १२ । उ४ । सु ७ । पृ० ६५५-५६ आठ परमाणु पुद्गल जब एकत्र होकर बंधन को प्राप्त होते हैं तब उनका एक आठ प्रदेशी स्कंध होता है और यदि इस आठ प्रदेशी स्कंध का भेद-विभाग होता है तो उसके दो, तीन, चार, पाँच, छः, सात अथवा आठ विभाग होते हैं । (१) यदि दो विभाग हों तो एक परमाणु पुद्गल का विभाग और एक सात प्रदेशी स्कंध का विभाग होगा । अथवा एक द्विप्रदेशी स्कंध का विभाग और दूसरा छः प्रदेशी स्कंध का एक विभाग होगा । अथवा एक तीन प्रदेशी स्कंध विभाग और और दूसरा पाँच प्रदेशी स्कंध का एक विभाग होगा । अथवा चतुष्प्रदेशी स्कंधों के दो विभाग होंगे । (२) यदि तीन विभाग हों तो छः प्रदेशी स्कंध का एक विभाग होगा और दूसरातीसरा विभाग एक-एक परमाणु पुद्गल का होगा । अथवा एक परमाणु पुद्गल का विभाग, दूसरा द्विप्रदेशी स्कंध का विभाग और तीसरा पाँच प्रदेशी स्कंध का विभाग Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016030
Book TitlePudgal kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1999
Total Pages790
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size12 MB
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