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________________ पुद्गल - कोश २६३ सेकेणणं भंते! एवं वच्चइ केवली णं इमं रयणप्पभं पुढव आगारेहि जाव जं समयं जाणइ णो तं समयं पासइ जं समयं पासइ जो तं समयं जाणइ ? गोयमा ! सागारे से णाणे भवइ अणगारे से दंसणे भवइ, से तेण ेणं जाव णो तं समयं जाणइ । एवं जाव अहेसत्तमं । एवं सोहम्म कप्पं जाव अच्चुयं गेवेज्जगविमाणा अणुत्तरविमाणा ईसीपब्भारं पुढवि परमाणुपोग्गलं दुपए सियं खंधं जाव अनंतपएसियं बंधं ।१९६३ ॥ केवली णं भंते ! इमं रयणप्पभं पुढव अणागारेहि अहेतूहिं अणुवमाहि अदि तेहि अवण्णं हि असंठाणेहि अपमार्णाह अपडोयारेहि पास, ण जाणइ ? हंता - गोयमा ! केवली गं इमं रयणप्पभं पुढव अणागारेहिं जाव पासइ, ण जाणइ । सेकेणटुणं भंते ! एवं बुच्चइ केवली णं इमं रयणप्पमं पुत्र अणागारेहि जाव पासइ ण जाणइ ? गोयमा ! अणगारे से दंसणे भवइ सागारे से णाणे भवइ, से तेणटुणं गोयमा ! एवं वच्चइ केवली णं इमं रयणप्पमं पुढव अणागारेहिं जाव पासइ ण जाणइ । एवं जाव ईसीपम्भारं पुढव परमाणुपोग्गलं अनंतपएसियं बंधं पासइ, ण जाणइ ।१९६४ - पण्ण० प ३० । सू १९६३, ६४ केवल ज्ञानी इस रत्नप्रभा पृथ्वी को आकारों से, हेतुओं से, उपमाओं से, दृष्टांतों से, वर्णों से, संस्थानों से, प्रमाणों से और प्रत्यवतारों से जिस समय जानते हैं उस समय नहीं देखते हैं तथा जिस समय देखते हैं उस समय नहीं जानते हैं । इस कारण यह है कि जो साकार होता है वह ज्ञान होता है और जो अनाकार होता है वह दर्शन होता है । इसलिए जिस समय साकार (ज्ञान) होता है, उस समय अनाकार ( दर्शन ) ज्ञान नहीं रहेगा, इसी प्रकार जिस समय अनाकार ज्ञान (दर्शन) होगा उस समय साकार ज्ञान नहीं रहेगा । इस कारण से हे गौतम! ऐसा कहा जाता है कि केवल ज्ञानी जिस समय जानता है, उस समय देखता नहीं है । जिस समय देखता है, उस समय जानता नहीं है । इसी प्रकार शर्करा पृथ्वी से यावत् अधः सप्तम नरक पृथ्वी तक के विषय में जानना चाहिए और इसी प्रकार का कथन सौधर्म कल्प से लेकर अच्युत कल्प, ग्रैवेयक विमान, अनुत्तर विमान, ईषत्प्राग्भारा पृथ्वी, परमाणु पुद्गल, द्विप्रदेशिक स्कन्ध यावत् अनन्त प्रदेशी स्कन्ध तक के जानने और देखने के विषय में समझना Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016030
Book TitlePudgal kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1999
Total Pages790
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size12 MB
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