SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 294
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २०२ पुद्गल-कोश जघन्य अवगाहनावाले पुद्गल जधन्य अवगाहनावाले पुद्गल से प्रदेश रूप से कदाचित् न्यून है, कदाचित् तुल्य है, कदाचित् अधिक है । यदि न्यून है तो षट्स्थान न्यून है । यदि अधिक है तो षट्स्थान अधिक है । जघन्य अवगाहनावाले पुद्गल जघन्य अवगाहनावाले पुद्गल से अवगाहना रूप से तुल्य है ! जघन्य अवगाहनावाले पुद्गल जघन्य अवगाहनावाले पुद्गल से स्थिति रूप से कदाचित् न्यून है, कदाचित् तुल्य है, कदाचित् अधिक है । यदि न्यून है चतुःस्थान न्यून है । यदि अधिक है तो चतुःस्थान अधिक है । जघन्य अवगाहनावाले पुद्गल जघन्य अवगाहनावाले पुद्गल से कृष्णवर्णपर्यायरूप से कदाचित् न्यून है, कदाचित् तुल्य है, कदाचित् अधिक है । यदि न्यून है तो षट्स्थान न्यून है । यदि अधिक है तो षट्स्थान अधिक है । जिस प्रकार कृष्णवर्णपर्याय रूप से जघन्य अवगाहनावाले पुद्गल जघन्य अवगाहनावाले पुद्गल से षट्स्थान न्यूनाधिक है अथवा तुल्य है वैसे ही नील-रक्तपीत - शुक्लवर्णपर्याय रूप से जघन्य अवगाहनावाले पुद्गल जघन्य अवगाहनावाले पुद्गल से षट्स्थान न्यूनाधिक है अथवा तुल्य है । जघन्य अवगाहनावाले पुद्गल जघन्य अवगाहनावाले पुद्गल से सुगंधपर्याय रूप से कदाचित् न्यून है, कदाचित् तुल्य है, कदाचित् अधिक है । यदि न्यून है तो षट्स्थान न्यून है । यदि अधिक है तो षट्स्थान अधिक है । जिस प्रकार सुगंध पर्याय रूप से जघन्य अवगाहनावाले पुद्गल जघन्य अवगाहनावाले पुद्गल से षट्स्थान न्यूनाधिक है अथवा तुल्य है वैसे ही दुर्गन्ध पर्याय रूप से जघन्य अवगाहनावाले पुद्गल जघन्य अवगाहनावाले पुद्गल से षट्स्थान न्यूनाधिक है अथवा तुल्य है । जघन्य अवगाहनावाले पुद्गल जघन्य अवगाहनावाले पुद्गल से पर्यायरूपसु कदाचित् न्यून है, कदाचित् तुल्य है, कदाचित् अधिक है । है तो षट्स्थान न्यून है । यदि अधिक है तो षट्स्थान अधिक है । जिस प्रकार तिक्त रस पर्याय रूप से जघन्य अवगाहनावाले पुद्गल जघन्य अवगाहनावाले पुद्गल से षट्स्थान न्यूनाधिक है अथवा तुल्य है वैसे ही कटु-कषायआम्ल - मधुर रस पर्याय रूप से षट्स्थान न्यूनाधिक है अथवा तुल्य है । Jain Education International तिक्त रस यदि न्यून For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016030
Book TitlePudgal kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1999
Total Pages790
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy