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________________ ६८ पुद्गल-कोश वर्गणा, (१६) शून्यवर्गणा, (१७) प्रत्येकशरीरवर्गणा, (१८) ध्र वशून्यवर्गणा, (१९) बादरनिगोदवर्गणा, (२०) शून्यवर्गणा, (२१) सूक्ष्मनिगोदवर्गणा, (२२) नभोवर्गणा और (२३) महास्कंधवर्गणा । •०७९ छब्बीस भेद परमाणुसंखऽसंखाऽ—णंतपएसा अभवणंतगुणा। सिद्धाणणंतभागो, आहारगवग्गणा तितणू ॥ अग्गहणंतरियाओ, तेयगभासामणे य कम्मे य। धुवअधुवअच्चिता - सुन्नाचउअंतरेसुप्पिं ॥ पत्तेगतणुसु बायर-सुहुमनिगोए तहा महाखंधे । गुणनिप्फन्नसनामो, असंखभागंगुलवगाहो। -कर्मप्र• गा १८ से २० परमाणु, संख्यातप्रदेशी, असंख्यातप्रदेशी तथा अनंतप्रदेशी वर्गणा-इन चारों को टीकाकार ने 'अग्रहणवर्गणा' में ग्रहण किया है। आहारवर्गणा में औदारिक, वैक्रिय, आहारक- तीनों शरीरों को लिया गया है तथा इनके अंतर में अग्रहणवर्गणा होती है। इसके बाद तेजस, भाषा, मन तथा कार्मणवर्गणा और इनके अन्तर में अग्रहणवर्गणा होती है। इसके पश्चात् ध्र वाचित्त, अध्र वाचित्त वर्गणा होती है, अध्र वाचित्तवर्गणा के बाद ध्रु वशून्यवर्गणा होती है। इसके बाद प्रत्येकशरीरौ, बादरनिगोद, सूक्ष्मनिगोद तथा महास्कंधवर्गणा होती है तथा इनके अंतर में ध्रुवशून्यवर्गणा होती है। टीकाकार ने भाषा और अग्रहणवर्गणा के बाद आनपान तथा अग्रहणवर्गणा का वर्णन किया है। श्वेताम्बर-दिगाम्बर मतानुसार पुद्गल वर्गणाओं का चार्ट श्वेताम्बर दिगम्बर अग्रहण । परमाणु परमाणु संख्यातप्रदेशी संख्यातप्रदेशी ( असंख्यातप्रदेशी असंख्यातप्रदेशी 1 अनंतप्रदेशी अनंतप्रदेशी औदारिक अग्रहण ३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016030
Book TitlePudgal kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1999
Total Pages790
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size12 MB
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