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________________ पुद्गल-कोश ४९ कदाचित् चार रसवाला ; कदाचित् दो स्पशंवाला, कदाचित् तौन स्पर्शवाला, कदाचित् चार स्पर्शवाला होता है । पंच प्रदेशी स्कंध भाव की अपेक्षा कदाचित् एक वर्णवाला, कदाचित् दो वर्णवाला, कदाचित् तीन वर्णवाला, कदाचित् चार वर्णवाला, कदाचित् पाँच वर्णवाला ; कदाचित् एक गंधवाला, कदाचित् दो गंधवाला ; कदाचित् एक रसवाला, कदाचित् दो रसवाला, कदाचित् तीन रसवाला, कदाचित् चार रसवाला, कदाचित् पाँच रसवाला ; कदाचित् दो स्पर्शवाला, कदाचित् तौन स्पर्शवाला, कदाचित् चार स्पर्शवाला होता है । छः प्रदेशी स्कंध से लेकर यावत् असंख्यातप्रदेशी स्कंधपुद्गल को भाव की अपेक्षा पंच प्रदेशी स्कंध की तरह जानना । सूक्ष्म परिणामवाला अनन्तप्रदेशी स्कंधपुद्गल को भी भाव को अपेक्षा पंचप्रदेशी की तरह जानना । बादर परिणामवाला अनन्तप्रदेशी स्कंधपुद्गल भाव की अपेक्षा कदाचित् एक वर्णवाला, कदाचित् दो वर्णवाला, कदाचित् तीन वर्णवाला, कदाचित् चार वर्णवाला, कदाचित पाँच वर्णवाला; कदाचित् एक गंधवाला, कदाचित् दो गंधवाला; कदाचित् एक रसवाला, कदाचित् दो रसवाला, कदाचित् तीन रसवाला, कदाचित् चार रसवाला, कदाचित् पाँच रसवाला; कदाचित् चार स्पर्शवाला, कदाचित् पाँच स्पर्शवाला, कदाचित् छः स्पर्शवाला, कदाचित् सात स्पर्शवाला, कदाचित् आठ स्पर्शवाला होता है । स्कंधपुद्गल द्रव्य की अपेक्षा सप्रदेशी हैं, अप्रदेशी नहीं है । स्कंधपुद्गल क्षेत्र की अपेक्षा अप्रदेशी भी होता है, सप्रदेशी भी होता है अर्थात् एक आकाश प्रदेश को अवगाहन करनेवाला भी होता है, अनेक आकाश प्रदेश को अवगाहन करनेवाला भी होता है । स्कंधपुद्गल काल की अपेक्षा सप्रदेशी भी होता है, अप्रदेशी भी होता है अर्थात् एक समय की स्थितिवाला भी होता है, अनेक समय की स्थितिवाला भी होता है । यह स्थिति स्कंधत्व की अपेक्षा भी है, अवगाहन तथा क्षेत्रान्तर की अपेक्षा भी हो सकती है तथा भावगुणों की अपेक्षा भी हो सकती है । भाव की अपेक्षा स्कन्धपुद्गल सप्रदेशी भी होता है, अप्रदेशी भी होता है अर्थात् एक अंश गुणवाला भी होता है, अनेक अंश गुणवाला भी होता है । स्कंधपुद्गल सार्ध, अमध्य तथा सप्रदेशी होता है या अनर्घ, समध्य तथा सप्रदेशी होता है अर्थात् सम परमाणु संख्यावाले पुद्गलस्कंध सार्धं, अमध्य और सप्रदेशी है ; विषम परमाणु संख्यावाले पुद्गलस्कंध अनर्घ, समध्य और सप्रदेशी है । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016030
Book TitlePudgal kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1999
Total Pages790
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size12 MB
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