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________________ ( ३०० ) इसमें पांच से लेकर अनन्त तक संख्या निहित है तथा इसमें गणना के समय और संख्या दोनों के आधार पर राशि का निर्धारण होता है। राशियुग्म इन दोनों को सम्मिलित करती हुई संख्या होनी ही चाहिए तथा इसमें एक से लेकर अनन्त तक का संख्या निहित है । क्षुद्र युग्म में केवल नारकी जीवों का अट्ठारह पदों से विवेचन है । इन्द्रियों के आधार पर सर्व जीवों (एकेन्द्रिय से पंचेन्द्रिय) का तैंतीस पदों का राशियुग्म में जीवदंडक के क्रम से जीवों की तरह तेरह पदों से विवेचन है । ] क्षुद्र युग्म में केवल नारकी जीवों का नौ उपपात के तथा नौ उद्वर्तन ( मरण ) के पदों से विवेचन किया गया है। तथा विस्तृत विवेचन औधिक क्षुद्रकृतयुग्म नारकी के पद में है । अवशेष तीन युग्मों में इसकी भुलावण है तथा जहाँ भिन्नता है वहाँ भिन्नता बतलाई गई है । इसमें भगवती श २५ । उ ८ की भी भुलावण है । (१) कहाँ से उपपात, (२) एक समय में कितने का उपपात, (३) किस प्रकार से उपपात, (४) उपपात की गति की शीघ्रता, (५) परभव के आयु के बन्ध का कारण, (६) परभव गति का कारण, (७) आत्म- ऋद्धि या पर ऋद्धि से उपपात, (८) आत्मकमं या परकर्म से उपपात, (९) आत्मप्रयोग था परप्रयोग से उपपात । महायुग्म में विवेचन है । इस प्रकार उद्वर्तन ( मरण ) के भी उपर्युक्त नौ अभिलाप समझने औधिक भवसिद्धिक, अभवसिद्धिक, समदृष्टि, मिथ्यादुष्टि, सममिथ्यादृष्टि, कृष्णपाक्षिक, शुक्लपाक्षिक नारकी जीवों का चार क्षुद्रयुग्मों से तथा चार-चार उद्ददेशक से विवेचन किया गया है । हमने यहाँ पद 'योग' सम्बन्धित पाठों का संकलन किया हैं । • ५३.१ सयोगी क्षुद्रयुग्म नारको का उपपात ( खुड्डाकडजुम्मेण नेरइया ) आयप्पओगेणं उववज्जंति णो परप्पओगेणं उववज्जति ॥४॥ एवं जाव ओहियरइयाणं वत्तव्वया सच्चेव रयणप्पभाए वि भाणियत्वा जाव णो परप्पओगेणं उववज्जंति । एवं सक्करप्पभाए वि जाव अहेसत्तमाए ॥५॥ ते णं भंते ! जीवा कहं परभवियाउयं पकरेंति । × × × Jain Education International - भग० श० ३१ उ१ । सू ४ से ६ क्षुद्रकृत युग्म - राशि परिमाण नारकी आत्मप्रयोग ( जोगरुप व्यापार ) से उत्पन्न होते हैं, परप्रयोग से नहीं । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016029
Book TitleYoga kosha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1996
Total Pages478
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size24 MB
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