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________________ ( ९१ ) शरीर काय प्रयोगवाला, एक आहारकमिश्र शरीर काय प्रयोगवाला तथा कितनेक कार्मण शरीर काय प्रयोगवाले होते हैं। ३-अथवा एक आहारक शरीर काय प्रयोगवाला, कितनेक आहारकमिश्र शरीर काय प्रयोगवाला व एक कार्मण शरीर काय प्रयोगवाला होता है। ४–एक आहारक शरीर काय प्रयोगवाला, कितनेक आहारकमिश्र शरीर काय प्रयोगवाला और कितनेक कार्मण शरीर काय प्रयोगवाले होते हैं। ५–अथवा कितनेक आहारक शरीर काय प्रयोगवाला, एक आहारकमिश्र शरीर काय प्रयोगवाले और एक कार्मण शरीर काय प्रयोगवाले होते हैं। ६-अथवा कितनेक आहारक शरीर काय प्रयोगवाले, एक आहारकमिश्र शरीर काय प्रयोगवाले व कितनेक कार्मण शरीर काय प्रयोगवाले होते हैं। ७-अथवा कितनेक आहारकशरीर काय प्रयोगवाले, कितनेक आहारकमिश्र शरीर काय प्रयोगवाले और एक कार्मण शरीर काय प्रयोगवाले होते हैं। ८-अथवा कितनेक आहारक शरीर काय प्रयोगवाले, कितनेक आहारकमिश्र शरीर काय प्रयोगवाले और कितनेक कार्मण शरीर काय प्रयोगवाले होते हैं। इस प्रकार त्रिक संयोग से चार प्रकार से आठ-आठ भंग होते हैं। सर्व मिलकर बत्तीस भंग जानने चाहिए। ९.४ सयोगी मनुष्य के विभाग ( चतुः संयोगी) अहवेगे य ओरालियमोसासरीरकायप्पओगी य आहारगसरीरकायप्पओगी य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य कम्मासरीरकायप्पओगी य १ अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगी य आहारगसरीरकायप्पओगी य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य कम्मासरीरकायप्पओगिणो य २ अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगी य आहारसरीरकायप्पओगी य आहारगमीसासरीरकायप्पओगिणो य कम्मासरीरकायप्पओगी य ३ अहवेगे य ओरालियमोसासरीरकायप्पओगी य आहारगसरीरकायप्पओगी य आहारगमीसासरीरकायप्पओगिणो य कम्मासरीरकायप्पओगिणो य ४ अहवेगे य ओरालियमोसासरीरकायप्पओगी य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य कम्मासरीरकायप्पओगी य ५ अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगी य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य कम्मासरीरकायप्पओगिणो य ६ अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगी य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसासरीरकायप्पओगिणो य कम्मासरीरकायप्पओगी य ७; अहवेगे य ओरालियमोसासरीरकायप्पओगी य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसासरीरकायप्पओगिणो य कम्मासरीरकायप्पओगिणो य ८ अहवेगे य ओरालियमोसासरीरकायप्पओगिणो य आहारगसरीरकायप्पओगी य आहारगमीसासरीर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016029
Book TitleYoga kosha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1996
Total Pages478
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size24 MB
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