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________________ ( ५० ) अनारंभी है और अशुभयोग की अपेक्षा आरंभी भी है, परारंभी भी है और तदुभयारंभी भी है किन्तु अनारंभी नहीं है । नोट - अप्रमत्तसंयत के अशुभयोग नहीं है, शुभयोग है अतः वे आरंभी, परारंभी और तदुभयारंभी नहीं है, किन्तु अनारंभी है । मनुष्य के विषय में औधिक जीव की तरह कहना । - २९ सयोगी जीव और कषाय - २९ सयोगी नारकी में कषायोपयोग के विकल्प ( इमीसेणं भंते! रयणप्पायाए पुढवीए तीसाए निरयावास सय सहस्से सु एगमेगंस नेरइयावासंसि नेरइयाणं ) । मणजोए वट्टमाणा कोहोवउत्ता माणोवउत्ता, मायोवउत्ता लोभोवउत्ता । गोयमा ! सत्तावीसं भंगा। एवं वइजोए, एवं कायजोए । xxx एवं सत्तवि पुढवीओ नेयव्वाओ x x x - भग० श १ । उ । ५ । सू १८७ इस रत्नप्रभा पृथ्वी में बसने वाले और मनयोग में वर्तनेवाले नारकी जीव क्या क्रोधोपयुक्त है, मानोपयुक्त है, मोयोपयुक्त है या लोभोपयुक्त है । सत्ताईस भंग कहना चाहिए । इसी प्रकार वचनयोगी व काययोगी में भी कहना चाहिए । नोट - उनमें एकवचन तथा बहुवचन की अपेक्षा से क्रोधोपयोग आदि के निम्नलिखित २७ विकल्प होते हैं (१) सर्व क्रोधोपयोग वाले (२) बहु क्रोधोपयोगवाले, एक मानोपयोगवाला (३) बहु क्रोधोपयोगवाले, बहु मानोपयोगवाले (४) बहु क्रोधोपयोगवाले, एक मायोपयोगवाला (५) बहु क्रोधोपयोगवाले, बहु मायोपयोगवाले (६) बहु क्रोधोपयोगवाले, एक लोभोपयोगवाला (७) बहु क्रोधोपयोग वाले, बहु लोभोपयोगवाले (८) बहु क्रोधोपयोगवाले, एक मानोपयोग वाला, एक मायोपयोगवाला (९) बहु क्रोधोपयोगवाले, एक मानोपयोगवाला, बहु मायोपयोगवाले (१०) बहु क्रोधोपयोगवाले, बहु मनोपयोगवाले, एक मायोपयोगवाला (११) बहु क्रोधोपयोगवाले, बहु मानोपयोगवाले, बहु मायोपयोगवाले, (१२) बहु क्रोधोपयोगवाले, एक एक मानोपयोगवाला, एक लोभोपयोगवाला (१३) बहु क्रोधोपयोगवाले, एक मानोपयोगवाला, बहु लोभोपयोगवाले (१४) बहु क्रोधोपयोगवाले, बहु मानोपयोगवाले, एक लोभो - योगवाला (१५) बहु क्रोधोपयोग वाले, बहु मानोपयोगवाले, बहु लोभोपयोगवाले (१६) बहु क्रोधोपयोगवाले, एक मायोपयोगवाला, एक लोभोपयोगवाला (१७) बहु क्रोधोपयोगवाला, एक मायोपयोगवाला, बहु लोभोपयोगवाले (१८) बहु क्रोधोपयोगवाले, बहु मायोपयोगवाले, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016029
Book TitleYoga kosha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1996
Total Pages478
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size24 MB
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