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________________ ( २३ ) । गुणा है । इससे असंज्ञी पंचेन्द्रय लब्धि- अपर्याप्त का उत्कृष्ट उपपाद योग असंख्यात गुण है । इससे संज्ञी पचेन्द्रिय लब्धि- अपर्याप्त का जघन्य उपपाद योग असंख्यात गुणा है । इससे असंज्ञी पंचेन्द्रिय निर्वृत्ति- अपर्याप्त का उत्कृष्ट उपपाद योग असंख्यात गुणा है । इससे संज्ञी पंचेन्द्रिय निर्वृत्ति - अपर्याप्त का जघन्य उपपाद योग असंख्यात गुणा है । इससे संज्ञ पंचेन्द्रिय लब्धि - अपर्याप्त का उत्कृष्ट उपपाद योग असंख्यात गुणा है । इससे सूक्ष्म एकेन्द्रिय लब्धि- अपर्याप्त का जघन्य एकान्तानुवृद्धि योग असंख्यात गुणा है इससे संज्ञी पंचेन्द्रिय निर्वृत्ति-अपर्याप्त का उत्कृष्ट उपपादयोग असंख्यात गुणा है । निर्वृत्ति-अपर्याप्त का जघन्य एकान्तानुवृद्धि योग असंख्यात गुणा है लब्धि - अपर्याप्त का जघन्य एकान्तावृद्धि योग असंख्यात गुणा है । निर्वृत्ति- अपर्याप्त का जघन्य एकान्तानुवृद्धि योग असंख्यात गुणा है । लब्ध- अपर्याप्त का उत्कृष्ट एकान्तानुवृद्धि योग असंख्यात गुणा है । निर्वृत्ति- अपर्याप्त का उत्कृष्ट एकान्तानुवृद्धि योग असंख्यात गुणा है । एकेन्द्रिय लब्धि अपर्याप्त का उत्कृष्ट एकान्तानुवृद्धि योग असंख्यात गुणा है । एकेन्द्रिय निर्वृत्ति- अपर्याप्त का उत्कृष्ट एकान्तानुवृद्धि योग असंख्यात गुणा है । । इससे सूक्ष्म एकेन्द्रिय इससे बादर एकेन्द्रिय इससे बादर एकेन्द्रिय इसके सूक्ष्म एकेन्द्रिय इससे सूक्ष्म एकेन्द्रिय इससे आगे श्रेणी के असंख्यातवें भाग मात्र योग स्थानों का अन्तर करके सूक्ष्म एकेन्द्रिय लब्धि अपर्याप्त का जघन्य परिणाम योग असंख्यात गुणा है । इससे बादर एकेन्द्रिय लब्धि - अपर्याप्त का जघन्य परिणाम योग असंख्यात गुणा है । इससे सूक्ष्म एकेन्द्रिय लब्धि - अपर्याप्त उत्कृष्ट परिणाम योग असंख्यात गुणा है । इससे बादर एकेन्द्रिय लब्धि- अपर्याप्त का उत्कृष्ट परिणाम योग असंख्यात गुणा है । Jain Education International इससे बादर इससे बादर इससे आगे श्रेणी के असंख्यातवें भाग मात्र अन्तर होकर सूक्ष्म एकेन्द्रिय निर्वृत्तिपर्याप्त का जघन्य परिणाम योग असंख्यातगुणा है । बादर एकेन्द्रिय निर्वृत्ति पर्याप्त का जघन्य परिणाम योग असंख्यात गुणा है । इससे सूक्ष्म एकेन्द्रिय निर्वृत्ति पर्याप्त का उत्कृष्ट परिणाम योग असंख्यात गुणा है । इससे बादर एकेन्द्रिय निर्वृत्ति पर्याप्त का उत्कृष्ट परिणाम योग असंख्यात गुणा है । For Private & Personal Use Only इससे आगे श्रेणी के असंख्यातवें भाग मात्र अन्तर होकर द्वीन्द्रिय लब्धि अपर्याप्त का जघन्य एकान्तानुवृद्धि योग असंख्यात गुणा है । इससे त्रीन्द्रिय लब्धि - अपर्याप्त का जघन्य ऐकान्तानेवृद्धि योग असंख्यात गुणा है । इससे चतुरिन्द्रिय लब्धि - अपर्याप्त का जघन्य एकान्तानुवृद्धि योग असंख्यात गुणा है । इससे असंज्ञी पंचेन्द्रिय लब्धि अपर्याप्त का जघन्य एकान्तानुवृद्धि योग असंख्यात गुणा है इससे संज्ञी पंचेन्द्रिय लब्धि अपर्याप्त का जघन्य एकान्तानुवृद्धि योग असंख्यात गुणा है एकान्तानुवृद्धि योग असंख्यात गुणा है । एकान्तानुवृद्धि योग असंख्यात गुणा है । कान्तानुवृद्धि योग असंख्यात गुणा है । इससे असंज्ञी पंचेन्द्रिय लब्धि - अपर्याप्त का उत्कृष्ट । । इससे द्वीन्द्रिय लब्धि अपर्याप्त का उत्कृष्ट इससे त्रीन्द्रिय लब्धि - अपर्याप्त का उत्कृष्ट इससे चतुरिन्द्रिय लब्धि- अपर्याप्त का उत्कृष्ट इसमें संज्ञी पंचेन्द्रिय लब्धि- अपर्याप्त का उत्कृष्ट एकान्तानुवृद्धि योग असंख्यात गुणा है । एकान्तानुवृद्धि योग असंख्यात गुणा है । www.jainelibrary.org
SR No.016029
Book TitleYoga kosha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1996
Total Pages478
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size24 MB
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