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________________ उससे द्वीन्द्रिय निवृत्त्यपर्याप्त का जघन्य एकान्तानुवृद्धि योग असंख्यातगुणा है। उससे त्रीन्द्रिय निर्वृत्त्यपर्याप्त का जघन्य एकान्तानुवृद्धि योग असंख्यातगुणा है। उससे चतुरिन्द्रिय निर्वृत्त्यपर्याप्त का जघन्य एकान्तानुवृद्धि योग असंख्यातगुणा है। उससे असंज्ञी पंचेन्द्रिय निवृत्त्यपर्याप्त का जघन्य एकान्तानुवृद्धि योग असंख्यातगुणा है। उससे संजी पंचेन्द्रिय निर्वृत्त्यपर्याप्त का जघन्य एकान्तानुवृद्धि योग असंख्यातगुणा है। उससे द्वीन्द्रिय निवृत्तिपर्याप्त का जघन्य परिणाम योग असंख्यातगुणा है। उससे त्रीन्द्रिय निर्वृत्तिपर्याप्त का जघन्य परिणाम योग असंख्यातगुणा है। उससे चतुरिन्द्रिय निवृत्तिपर्याप्त का जघन्य परिणाम योग असंख्यातगुणा है । उससे असंज्ञी पंचेन्द्रिण निवृत्तिपर्याप्त का जघन्य परिणाम योग असंख्यातगुणा है। उससे संज्ञी पंचेन्द्रिय निर्वृत्तिपर्याप्त का जघन्य परिणाम योग असंख्यातगुणा है। ८.६ अल्प बहुत्व-उत्कृष्ट उपपादयोग, एकान्तानुवृद्धि योग तथा परिणाम योग की अपेक्षा टीका—एत्तो उक्कस्सवीणालावं । तं जहा-सव्वथोवो सुहुमेइंदियलद्धिअपज्जत्तयस्स उक्कस्सओ उववादजोगो। सुहुमेइ दियणिवत्ति अपज्जत्तयस्स उक्कस्सओ उववादजोगो असंखेज्जगुणो। बादरेइ दियलद्धि अपज्जत्तयस्स उक्कस्सओ उववादजोगो असंखेज्जगुणो। बादरेइ दियणिवत्ति अपज्जत्तयस्स उक्कस्सओ उववादजोगो असंखेज्जगुणो। बेइदियलद्धिअपज्जत्तयस्स उक्कस्सओ उववादजोगो असंखेज्जगुणो। बेइदियगिवत्ति अपज्जत्तयस्स उक्कस्सओ उववादजोगो असंखेज्जगुणो। तेइ दियलद्धिअपज्जत्तयस्स उक्कस्सओ उववादजोगो असंखेज्जगुणो। तेइ दियणिव्वत्तिअपज्जत्तयस्स उक्कस्सओ उववादजोगो असंखेज्ज्जगुणो। चरिंदियलद्धिअपज्जत्तयस्स उक्कस्सओ उववादजोगो असंखे. ज्जगुणो। चरिदियणिन्वत्ति अपज्जत्तयस्स उक्कस्सओ उववादजोगो असंखेज्जगुणो। असण्णिपाँचदियलद्धिअपज्जत्तयस्त उकस्सओ उववादजोगो असंखेज्जगुणो। असणिपंचिदियणिव्वत्तिअपज्जतयस्स उक्कस्सओ उववादजोगो असंखेज्जगुणो। सण्णिचिदियलद्धिअपज्जत्तयस्स उक्कस्सओ उववादजोगो असंखेज्जगुणो। सण्णिपंचिदियणिव्वत्तिअपज्जत्तयस्स उक्कस्सओ उववादजोगो असंखेज्जगुणो। सुहुमेइ दियलद्धिअपज्जत्तयस्स उक्कस्सओ एगताणुवड्डिजोगो असंखेज्जगुणो। सुहमेइ दियणिव्वत्तिअपज्जत्तयस्स उक्कस्सओ एगंताणुवडिजोगो असंखेज्जगुणो। बादरेई दियलद्धिअपज्जत्तयस्स उक्कस्सओ एयंताणुवडिजोगो Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016029
Book TitleYoga kosha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1996
Total Pages478
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size24 MB
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