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________________ ( २५३ ) जहेप असुरकुमारेसु उववज्जमाणाणं तहेव नव वि गमा भाणियव्या xxx सेसं तहेव निरषसेसं भाणियव्वं ) उनके नौ ही गमकों में तीनों योग होते हैं। -भग श २४ । उ २३ सू६ '१६२१३ असंख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य से ज्योतिषी देवों में उत्पन्न होने वाले जीवों में गमक १.४, ७-8-असंखेजवासाउयसन्निमणुस्से णं भंते । जे भषिए जोइएसु उवजित्तए ? XXX एवं जहाअसंखेजवासाउयसन्निपंबिंदियस्स जोहपसु चेव उववजमाणस्स सत्त गमगा जहेष मणुस्साण वि xxx सेसं तहेव निरपसेसं जाव 'संवेहो' त्ति) उनके सातों गमकों में तीन योग होते हैं । -भग० श २४ । उ २३ । सू ११ '६६२१४ संख्यात वर्ष की आयुबाले संज्ञी मनुष्य योनि से ज्योतिषी देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में गमक १-६-जइ संखेजवासाउयसन्निमणुस्से०१ संखेजवासाउयाणं जहेष असुरकुमारेसु उपवज्जमाणाणं तहेव नव गमगा भाणियचा xxx सेस तंचेष निरवसेसं ) उनके नौ ही गमकों में तीनों योग होते हैं । -भग० श २४ । उ २३ । सू १२ १६.२२ सौधर्म देवों में उत्पन्न होने वाले जीवों में१६.२२१ असंख्यात वर्ष की आयुवाले संशी तिथंच पंचेन्द्रिय से सौधर्म देवों में उत्पन्न होने वाले जीवों में गमक १-६-असंखेजवासाउयसन्निपंचिंदियतिरिक्खजोणिया णं भंते ! जे भषिए सोहम्मगदेवेसु उववजित्तए । तेणं भंते अवसेसं जहा जोइएसु उपवमाणस्ल xxx1) उनके नव गमकों में तीनों योग झेते हैं। -भग श २४ । उ २४ । सू३-७ .९६.२२.२ संख्यात वर्ष की आयु वाले संशी तियं च पंचेन्द्रिय से सौधर्म देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में। गमक १९ जइ संखेजवासाउय सन्निपंचिंदिय०१ संखेजवासाच्यस्स जहेव असुरकुमारेसु उवयजमाणस्स तहेव णवषि गमगाxxx सेसं तंवेध।) उनके नव गमकों में तीनों योग होते हैं । -भग० श २४ । उ २४ । सू८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016028
Book TitleYoga kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1993
Total Pages428
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size20 MB
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