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________________ .०३६ भाव योग परिणाम के भेद .०३६.१ योग परिणाम के भेद जोग परिणामे णं भंते! कतिविहे पण्णत्ते, गोयमा, तिविहे पण्णत्ते, तं जहा - मन- जोग - परिणामे १, बइजोगपरिणामे २, कायजोग परिणामे ३ । -- पण ० प १३ । सू ६३१ । पृ० २२६ ( योग परिणाम के तीन भेद हैं- मनोयोग परिणाम, वचनयोग परिणाम और काययोग परिणाम | १६३ ) .०३७ विभिन्न जीवों में योग- परिणाम .०१ नारकियों में रइया x x x जोगपरिणामेणं मणजोगी वि वइजोगी वि कायजोगी fa x XXI पण ० प १३ । सू ६३८ । पृ० २३० नारकी जीव योग परिणाम की अपेक्षा मनोयोगी, वचनयोगी और काययोगी होते हैं । ३७.०३ वाणव्यन्तर देव में ३७.०४ ज्योतिषी देव में .०३७.०२ भवनपति देष में (क) असुरकुमार, (ख) नागकुमार, (ग) सुपर्णकुमार (घ) विद्युत् कुमार, (ङ) अग्निकुमार, (ख) द्वीपकुमार, (छ) उदधिकुमार, (ज) दिशाकुमार, (झ) वायुकुमार, (ञ) स्तनितकुमार । असुरकुमारा वि एवं चेव ( जहा णेरड्या ) x x x | एवं जाव कुमारा । 1 - पण्ण० प १३ । सू ६३६ / पृ० २३१ भवनपति देवों में असुरकुमार यावत् स्तनितकुमार योगपरिणाम की अपेक्षा नारकी की तरह मनोयोगी वचनयोगी और काययोगी होते हैं । वाणमंतरा x x x जहा असुरकुमारा । होते हैं । एवं जोतिसिया चि । × × × । वाणव्यन्तर देव असुरकुमार की तरह Jain Education International - पण्ण० प १३ । सु ६४४ | पृ० २३२ - पण्ण० प १३ । सू ६४५ / पृ० २३२ मनोयोगी, वचनयोगी और काययोगी ज्योतिषी देव असुरकुमार की तरह मनोयोगी, वचनयोगी और काययोगी होते हैं । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016028
Book TitleYoga kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1993
Total Pages428
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size20 MB
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