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________________ ७४ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष अलमलवसह-अल्ल अलमलवसह पुं [दे] उन्मत्त बैल । 1 [विरुत] भ्रमर का गुजारव । अलय न [दे] प्रवाल । अलिअल्ली स्त्री [दे] कस्तूरी । व्याघ्र, शेर । अलय पुं [अलक] बिच्छू का कांटा। केश, | अलिआ स्त्री [दे] सखी। धुंघराले बाल। अलिआर न [दे] दूध । अलया स्त्री [अलका] कुबेर की नगरी । देखो अलिंजर न [अलिञ्जर] घड़ा, कुम्भ । कुंड, अलका। पात्र-विशेष । रंग-पात्र । अलव वि [अलप] मौनी । अलिंद न [अलिन्द] एक प्रकार का जलपात्र । अलवलवसह पुं [दे] धूर्त बल। अलिंदग पु [अलिन्दक] द्वार का एक प्रकोष्ठ । अलस वि. आलसी। मन्द । पुं. क्षुद्र कीटविशेष, । घर के बाहर के दरवाजे का चौक । बाहर भ-नाग, वर्षाऋतु में साँप सरीखा लाल रंग का अग्रभाग। का जो लम्बा जन्तु उत्पन्न होता है। अलिंदय पुंन [आलिन्दक] धान्य रखने का अलस वि [दे] मधुर आवाजवाला। कुसुम्भ पात्र-विशेष । रंग से रंगा हुआ । न. मोम । अलिण पु [दे] बिच्छू । °अलस देखो कलस। अलिणी स्त्री [अलिनी] भ्रमरी । अलसग , [अलसक] विसूचिका रोग। अलित्त न [अरित्र] नौका खेवने का डाँड, अलसय । श्वयथु, सूजन । चप्पू । अलसाइअ वि [अलसायित] जिसने आलसी अलिय न [अलिक] कपाल । की तरह आचरण किया हो, मन्द । अलियन [अलीक असत्य वचन । वि. खोटा। अलसाय अक [ अलसाय ] आलसी होना, निष्फल, निरर्थक । °वाइ वि [°वादिन्] आलसी की तरह काम करना । मृषावादी। अलसी देखो अयसी। अलिल्ल सक [ कथय् ] कहना, बोलना। अला स्त्री. इस नाम की एक देवी । एक इन्द्राणी अलिल्लह न [दे] छन्द विशेष का नाम । वि. का नाम । °वडिसग न [°वतंसक] अलादेवी अप्रयोजक, नियमरहित । का भवन । अलिल्ला स्त्री. इस नाम का एक छन्द । °अला देखो कला। अलीग। देखो अलिय = अलीक । अलाउ न [अलाबु] तुम्बी फल, लौकी । अलीय । अलाऊ । स्त्री [अलाबू] तुम्बी-लता। अलीबहू स्त्री [ अलिवधू ] भ्रमरी । अलाबू । अलीसअ स्त्री पु[दे] शाक-वृक्ष, साग का अलाय न [अलात] उल्मक, जलता हुआ पेड़ । काष्ठ । कोयला । ! अलुक्खि वि [अरूक्षिन्] कोमल । अलावणी स्त्री [अलाबुवीणा] वीणा-विशेष। अलेसि वि [अलेश्यिन्] लेश्यारहित । पु. अलावु देखो अलाउ। मुक्त आत्मा । अलाबू देखो अलाऊ। अलोग पु [अलोक] जीव-पुद्गल आदि रहित अलाहि देखो अलं। आकाश। अलि पुंस्त्री. वृश्चिक राशि । पुं. भ्रमर । °उल अलोय देखो अलोग । न [°कुल] भ्रमरों का समूह । °विरुय न अल्ल न [दे] दिवस । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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