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________________ ९ अमूस-अय संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष सम्यग्दर्शन । अविचलित बुद्धि । वि. अविच- । पिउ, पियर "पोइ पुं. ब. [पित ] लित दृष्टिवाला, सम्यग्दृष्टि । मां-बाप । पेइय वि [ °पैतृक ] माँ-बापअमूस वि [अमृष] सत्यवादी । सम्बन्धी । अमेज्ज देखो अमिज्ज। अम्माइआ स्त्री [दे] अनुसरण करने वाली अमेज्झ देखो अमिज्झ । स्त्री। अमोल्ल वि [अमूल्य बहुमूल्य । अम्मो अ. आश्चर्य-सूचक अव्यय । माता का अमोसलि न [दे. अमुशलि] वस्त्रादि निरी- संबोधन, हे माँ। क्षण का एक प्रकार। अम्मोगइया स्त्री [दे] संमुख-गमन, स्वागत अमोह वि [अमोघ]अवन्ध्य, सफल । पुं. सूर्य | न करने लिए सामने जाना । के उदय और अस्त के समय किरणों के अम्मोस वि [अमj] अक्षम्य, । विकार से होने वाली रेखा विशेष । एक यक्ष | अम्ह स [अस्मत्] हम, खुद । "केर, क्केर, का नाम । 'दसि वि [दर्शिन्] ठीक-ठीक °च्चय वि [ीय] हमारा । देखनेवाला । न. उद्यान-विशेष । पुं. यक्ष- अम्हत्त वि [दे प्रमृष्ट, प्रमाजित । विशेष । °पहारि वि [ प्रहारिन्] अचूक | | अम्हार (अप) वि [अस्मदीय] हमारा । - प्रहार करनेवाला, निशानबाज । °रह पुं | अम्हारिच्छ वि [अस्मादृक्ष] हमारे जैसा । [°रथ] इस नाम का एक रथिक । अम्हारिस वि [अस्मादृश] हमारे जैसा । अमोह पुं. मोह का अभाव, सत्यग्रह । रुचक अम्हेच्चय वि [अस्माकम्] हमारा । पर्वत का एक शिखर । वि. निर्मोह। अम्हो अ [अहो] आश्चर्य-सूचक अव्यय । अमोह पु [अमोघ] सूर्य-बिम्ब के नीचे कभी अय पु[अग] पहाड़ । साँप । सूर्य । कभी दीखती श्याम आदि वर्णवाली रेखा। अय पु [अज] छाग । पूर्वभाद्रपद नक्षत्र का पुन. एक देवविमान । अधिष्ठायक देव । महादेव । विष्णु । रामचन्द्र । अमोहा स्त्री [अमोघा] एक जम्बूवृक्ष, जिसके ब्रह्मा । कामदेव । महाग्रह-विशेष । बीजोनाम से यह जम्बूद्वीप कहलाता है। एक पादक शक्ति से रहित धान्य । °करक पुं. पुष्करिणी। एक महाग्रह का नाम । वाल पु[°पाल] अम्म देखो अंब = आम्ल । आभीर । अम्मएव पु [आम्रदेव] एक जैन आचार्य । | अय पु [अय] गमन, गति । लाभ । अनुभव । अम्मगा देखो अम्मया । न. पुण्य । भाग्य । अम्मच्छ वि [दे] असंबद्ध । अय न [अक] दुःख । पाप । अम्मड देखो अंबड। अय न [अयस्] लोह । °आगर पुं [ आकर] अम्मडी (अप) स्त्री [अम्बा] माता । लोहे की खान । लोहे का कारखाना । कंत, अम्मणुअंचिय न [दे] अनुगमन, अनुसरण ।। क्खंत पुं [°कान्त]लोह-चुम्बक । कडिल्ल अम्मधाई देखो अंबधाई । न [दे."कडिल्ल]कटाह । कुंडी स्त्री[°कुण्डी] अम्मया स्त्री [अम्बा] जननी । पांचवें वासुदेव | लोहे का भाजन-विशेष । °कोट्ठय पुं की माता का नाम । [°कोष्ठक] लोहे को कुशूल, लोहे का गोला। अम्महे (शौ) अ. हर्ष-सूचक अव्यय । गोलय पुं [°गोलक] लोहे का गोला । अम्मा स्त्री [दे. अम्बा] माता। °पिइ, °दव्वी स्त्री [°दवीं] लोहे की कड़छी या Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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