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________________ सउ ७८० संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष सअर-सउणि सगड। सइरिणी स्त्री [स्वैरिणी] व्यभिचारिणी सअर देखो स-अर = स-कर, स-गर । स्त्री। सअर देखो सगर। सइल देखो सेल। सआ अ [संदा] हमेशा । °चार पुं. निरन्तर सइलभ वि [दे. स्मृतिलम्भ] देखो सइगति । दंसण। सआ स्त्री [स्रज्] माला। | सइलासअ , पुं [दे] मयूर । सइ देखो सआ = सदा । सइलासिअ । सइ अ [सकृत्] एक बार । सइव पुं [ सचिव ] प्रधान, मन्त्री । सहाय । सइ स्त्री [स्मृति] स्मरण, चिन्तन । °काल मददकर्ता । काला धतूरा । पुं. भिक्षा मिलने का समय । सइसिलिंब पुं [दे] कार्तिकेय । सइ देखो स = स्व । सइसुह वि [दे.स्मृतिसुख] देखो सइदंसण । सइ देखो सय = शत । °कोडि स्त्री [°कोटि] | सई स्त्री [शची] इन्द्राणी । स° पुं [°श] एक अरब । इन्द्र । देखो सची। सइ देखो सई = स्वयम् । सई स्त्री [सती] पतिव्रता स्त्री। सइ° देखो सई = सती। °सई स्त्री [°शती] सौ। सइअ वि [शतिक] सौ का परिमाणवाला । सईणा स्त्री [दे] अन्न-विशेष, तुवरी । देखो सइग। सइअ वि [शयित] सुप्त । स । ( अप ) देखो सहु। सइएल्लय देखो स- स्व । सउत पुं [शकुन्त] पक्षो। भास-पक्षी । सई देखो सइ = सकृत् । सउंतला । स्त्री [शकुन्तला] विश्वामित्र सई देखो सयं = स्वयम् । सउंदला । ऋषि की पुत्री और राजा दुष्यन्त सइग वि [शतिक] सौ ( रुपया आदि ) को की पत्नी । (शौ)। कीमत का। सउण वि [दे] रूढ़, प्रसिद्ध । सइज्झ । पुंस्त्री [दे] पड़ोसी। स्त्री. सउण पुन [शकुन] शुभाशुभ-सूचक बाहु सइज्झिअ 5 °आ। स्पन्दन, काक-दर्शन आदि निमित्त । पुं. सइज्झिअ न [दे] पड़ोसीपन । पक्षी । पक्षि-विशेष । विउ वि [विद्] सइण्ण न [सैन्य] सेना । सगुन का जानकार । °रुअ न [रुत ] सइत्तए सय = शी का हेकृ. । पक्षी की आवाज । सगुन के परिज्ञान की सइदंसण । वि [दे. स्मृतिदर्शन] मनो-दृष्ट, कला। सइदिट्ट । विचार में प्रतिभासित । वि | सउण देखो स-उण = स-गुण । [वे. स्मृतिदृष्ट ] ऊपर देखो। सउणि पुं [शकुनि] पक्षी। चील पक्षी । सइम वि [शततम] १०० वाँ । ज्योतिष-प्रसिद्ध एक स्थिरकरण जो कृष्ण सइर न [स्वैर] स्वेच्छा, स्वच्छन्दता। वि. चतुर्दशी की रात में सदा अवस्थित रहता मन्द, अलस । स्वरी । है । नपुंसक-विशेष, चटक की तरह बारबार सइरवसह पुं [दे. स्वैरवृषभ] स्वच्छन्दी मैथुन-प्रसक्त क्लीब । दुर्योधन का मामा । सांड़, धर्म के लिए छोड़ा जाता बैल। सउणिअ देखो साउणिअ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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