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________________ ७७२ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष वेडुल्ल-वेम वेडुल्ल वि [दे] गर्वित । | वेण्णा स्त्री [वेन्ना] नदी-विशेष । 'यड न वेड्ढ देखो वेढ = वेष्ट । [°तट] नगर-विशेष । वेड्ढय पुं [वेष्टक छन्द-विशेष । वेण्हु देखो विण्ड। वेढ सक [वेष्ट्] लपेटना। वेताली स्त्री [दे] तट, किनारा । गली। वेढ पुं [वेष्ट] छन्द-विशेष । लपेटन । एक | वेत्त न [दे] स्वच्छ वस्त्र । वस्तु-विषयक वाक्य-समूह, वर्णन-ग्रन्थ । वेत्त पुं [वेत्र] बेंत का गाछ । 'सण न वेढ देखो पीढ । [°ासन] बेंत का बना हुआ आसन । वेढिम वि [वेष्टिम] वेष्टन से बना हुआ। वेत्तव्व वि [वेत्तव्य] जानने-योग्य । पुंस्त्री. खाद्य-विशेष । वेत्तिअ पुं [वैत्रिक] द्वारपाल, चपरासी। वेण पुं [दे] नदी का विषम घाट । वेद देखो वेअ = वेदय । वेण (अप) देखो वयण = वचन । वेद देखो वेअ% वेद । वेणइअ न [वैनयिक] विनय, नम्रता । मिथ्या- | वेदंत देखो वेअंत । त्व-विशेष, सभी देवों और धर्मों को सत्य | वेदक । देखो वेअग । मानना । वि. विनय-संबन्धी। विनय-वादी । । °वाद पुं. विनय को ही मुख्य माननेवाला वेदणा देखो विअणा। दर्शन । वेदब्भी स्त्री [वैदर्भी] प्रद्युम्न की एक स्त्री। वेणइगी । स्त्री [वैनयिकी] विनय से प्राप्त वेदस (शौ) देखो वेडिस। वेणइया ) होनेवाली बुद्धि ।। वेदि देखो वेइ = वेदि। वेणइया स्त्री [वैणकिया] लिपि-विशेष ।। वेदिग पुं [वैदिक] एक इभ्य मनुष्य-जाति । वेणा स्त्री. स्थूलभद्र का एक भगिनी। वेदिस न [वैदिश] विदिशा की तरफ का वेणि स्त्री [वेणी] बालों की गूंथी हुई चोटी। नगर । वाद्य-विशेष । गंगा और यमुना का संगम- | वेदुलिय देखा वेरुलिय । स्थान । "वच्छराय पुं [°वत्सराज] एक | वेदूणा स्त्री [दे] लज्जा । राजा। वेदेसिय देखो वइदेसिअ। वेणिअ न दे] वचनीय, लोकापवाद । वेदेह पुं [वैदेह] एक इभ्य मनुष्य-जाति । वेणी स्त्री. देखो वेणि। देखो वइदेह । वेणु पुं. बाँस । एक राजा । बंसी । °दालि पुं. | वेदेहि पुं [विदेहिन्] विदेह देश का राजा । सुपर्णकुमार देवों का उत्तरदिशा का इन्द्र । | वेधम्म देखो वइधम्म । °देव पुं. सुपर्णकुमारनामक देव-जाति का | वेधव्व देखो वेहव्व। दक्षिण दिशा का इन्द्र । देव-विशेष । गरुड- | वेप्प वि [दे] भूत आदि से गृहीत, पागल । पक्षी । °याणुजाय पुं [ कानुजात] गणित- | वेप्पुअ न [दे] बचपन । वि. भूताविष्ट । शास्त्र का द्वितीय योग, जिसमें चन्द्र, सूर्य वेफल्ल न [वैफल्य] निष्फलता। और नक्षत्र वंशाकार से अवस्थान करते हैं । वेब्भल वि [विह वल] व्याकुल । वेणुणास । पुं [दे] भ्रमर । वेब्भार । पुं [वैभार] राजगृही के समीप वेणुसाअ । वेभार ) का एक पहाड़ । वेण्ण वि [दे] आक्रान्त। J वेम देखो वेमय । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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