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अब्बीय देखो अवोय |
अब्बुद्धसिरी स्त्री [] इच्छा से भी अधिक फल की प्राप्ति ।
संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
अब्बु पुं [अर्बुद ] आबू पर्वत ।
अब्बु [अर्बुद ] जमा हुआ शुक्र और शोणित । अब्भ न [ अ ] आकाश । अब्भ सक [ आ + भिद् ] भेदन करना । अभंग सक [ अभि + अ ] तैल आदि से मर्दन करना ।
वि.
अब्भंग पुं [अभ्यङ्ग] तैल-मर्दन, मालिश । अब्भंगिएल्लय वि [ अभ्यक्त] तैलादि से अब्भंगिय मदत, मालिश किया हुआ । अब्भंतर न [अभ्यन्तर] भीतर, में | भीतर का, भीतरी । समीप का । ठाणिज्ज वि [°स्थानीय] नजदीक के सम्बन्धी, कौटुम्बिक लोग । 'तव पुं ['तपस् ] विनय, वैयावृत्य, प्रायश्चित्त, स्वाध्याय, ध्यान और कायोत्सर्ग रूप अन्तरंग तप । परिसा स्त्री [ परिषद् ] मित्र आदि समान जनों की सभा | 'लद्धि स्त्री [°लब्धि ] अवधिज्ञान का एक भेद | संबुक्का स्त्री ['शम्बूका ] भिक्षा को एक चर्या, गतिविशेष । °सगडुद्धिया स्त्री [°शकटोद्धिका] कायोत्सर्ग का एक
दोष ।
अब्भंसि वि [अभ्रंशिन् ] भ्रष्ट नहीं होनेवाला ।
अनष्ट ।
अब्भक्खइज्ज देखो अब्भवखा ।
अभक्खण न [ दें] अपयश |
अब्भक्खा सक [ अभ्या + ख्या] दोषारोप
करना ।
अभक्खाण न [ अभ्याख्यान झूठा अभियोग | अब्भट्ट देखो अब्भत्थिय ।
अब्भड अ [दे] पीछे जाकर ।
अजाण सक [अभ्यनु + ज्ञा] देना, सम्मति देना ।
अब्भणुण्णा [अभ्यनुज्ञा ] अनुमति ।
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अनुमति
अब्भणुष्णाय वि [ अभ्यनुज्ञात]
संमत |
अब्भण्ण न [ अभ्यर्ण] निकट । वि. समीपस्थ । पुरन. नगर- विशेष |
अब्भत वि [ अभ्यक्त] तैलादि से मर्दित, मालिश किया हुआ ।
अब्भत्थ वि [ अभ्यस्त ] पठित । शिक्षित । अब्भत्थ सक [अभि + अर्थय्] सत्कार करना । प्रार्थना करना ।
अब्बीय - अब्भास
अनुमत,
अब्भपडल न [दे] उपधातु - विशेष, अभ्रक । अब्भपिसा पुं [दे. अभ्रपिशाच ] राहु । अभय पुं [अर्भक ] बालक | अब्भरहिय वि [अभ्यर्हित] सत्कारप्राप्त, अब्भय पुं [अभ्रक ] अबरख । गौरवशाली | अब्भवहरिय वि [अभ्यवहृत ] भुक्त | अब्भवहार पुं [अभ्यवहार ] भोजन । अन्भवालुया स्त्री [दे] अभ्रक का चूर्ण | अब्भव्व देखो अभव्व ।
अब्भस सक | अभि + अस्] सीखना, अभ्यास
करना ।
अभहर पुं [] अभ्रक |
अब्भहिय वि [अभ्यधिक] विशेष, ज्यादा । अब्भाअच्छवि [ अभ्या+ गम् ] संमुख आना । अब्भाइक्ख देखो अब्भक्खा ।
अब्भागम पुं [ अभ्यागम ] संमुखागमन । समीप स्थिति ।
अब्भागमिय
अब्भागय
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वि [ अभ्यागत ] संमुखागत |
पु. आगन्तुक अतिथि ।
वि [] वापस आया हुआ ।
अब्भायत्त
अब्भायत्थ
अब्भास पुं [अभ्यास ] गुणकार ।
अब्भास न [ अभ्यास] नजदीक । वि. समीप - वर्ती । पुं. पढ़ाई, सीख । आवृत्ति । आदत आवृत्ति से उत्पन्न संस्कार | गणित का संकेतविशेष 1
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