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________________ विहंगम-विहवा संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष ७६३ देखो विभंग। विहत्थि पुंस्त्री [वितस्ति] बारह अंगुल का विहंगम पुं. पक्षी। परिमाण-विशेष । विहंज सक [वि+भञ्ज ] भांगना, विनाश | विहदि स्त्री [विधति] विशेष धैर्य । वि. धैर्यकरना। रहित। विहंजिअ वि [विभक्त] बाँटा हुआ। विहन्न । सक [वि+ हन्] मारना । नाश विहंड सक [वि+खण्डय] विच्छेद करना, | विहम्म करना । अतिक्रमण करना । विनाश करना । विहम्म वि [विधर्मन्] भिन्न धर्मवाला, विहंडण वि [विभण्डन] भाँड़नेवाला, गालि- विभिन्न, विलक्षण । सूचक । विहम्म सक [विधर्मय] धर्म-रहित करना । विहग पुं. पक्षी । हिव पुं ।°ाधिप] गरुड़ विहम्म न [वैधर्म्य] विधर्मता । तर्कशास्त्रपक्षी। प्रसिद्ध, वैधर्म्य-दृष्टान्त । विहग पुंन [विहायस्] आकाश । गइ स्त्री | विहम्माणा स्त्री [विधर्मणा, विहनन] पीड़ा। [गति] आकाश में गमन । आकाश में गति विहय [दे] पिंजित । कर सकने में कारण-भूत कर्म । विहय वि [विहत] मारा हुआ । विनाशित । विहट्ट देखो विघट्ट । विहय देखो विहग = विहग ।। विहट्टिअ वि [विघट्टित] खण्डित, द्विधाभूत । | विहय देखो विहव - विभव । विहड अक [वि+ घट] नियुक्त होना । विहर अक [वि + ह] क्रीड़ा करना । रहना । अलग होना । टूट जाना । सक. गमन करना। विहड सक [वि + घटय] तोड़ना, खोलना। विहर सक [प्रति + ईक्ष् ] प्रतीक्षा करना । विहड देखो विहल = विह्वल । विहर देखो विहार । विहडण न [विघटन] अलग होना। अलग विहरण न [विहरण] विहार । करना । खोलना। विहरिअ न [दे] सुरत, संभोग । विहडण पुं [दे] अनर्थ । विहल अक [वि + हवल् ] व्याकुल होना । विहडप्फड वि [दे] व्याकुल । त्वरित । विहल देखो विहड = वि + घट । विहडा स्त्री [विघटा] विभेद। फाट-फुट । विहल वि [विह बल] व्याकुल, व्यन । विहडाव सक [वि + घटय] वियुक्त करना । विहल देखो विअल = विकल । विहल वि [विफल] निष्फल, असत्य । अलग करना। विहण देखो विहन्न । विहल सक [विफलय् ] निष्फल बनाना । विहणु वि [दे] संपूर्ण । विहलेखल , वि [विह वलाङ्ग] व्याकुल विहण्ण न [दे] पीजना । विहलंघल , शरीरवाला । विहत्त देखो विभत्त। विहल्ल अक [वि + रु, वि + स्तृ ? ] आवाज विहत्ति देखो विभत्ति। करना । सक. विस्तार करना। विहत्तु देखो विहण का संकृ. । विहल्ल पुं. राजा श्रेणिक का एक पुत्र । विहत्थ वि [विहस्त] व्याकुल । कुशल । | विहव पुं [विभव] समृद्धि, सम्पत्ति, ऐश्वर्य । विशिष्ट हाथ, किसी वस्तु से युक्त हाथ । विहवण न [विधवन] विनाश । क्लीब। | विहवा स्त्री [विधवा] जिसका पति मर गया Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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