SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 769
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ७५० संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष विभंगु-विमज्झ मिथ्यात्व-युक्त अवधिज्ञान । ज्ञान-विशेष ।। व्याख्या करना । विकल्प से विधान करना । विराधना । मैथुन, अब्रह्म । देखो विहंग = विभासय न [विभाषक] व्याख्याता, व्याख्याविभंग । कर्ता। विभंगु पुंस्त्री [दे] तृण-विशेष । विभासा स्त्री [विभाषा] विकल्प-विधि, विभंगुर वि [विभङ्गुर] विनश्वर । पाक्षिक प्राप्ति, भजना, विधि और निषेध का विभंज सक [वि + भन्] तोड़ना । विधान । स्पष्टीकरण । निवेदन । विविध विभंतडो (अप) स्त्री [विभ्रान्ति] विशिष्ट भाषण । विशेषोक्ति । परिभाषा, संकेत । एक भ्रम । महानदी। विभग्ग वि [विभग्न] भांगा हुआ, खण्डित । | विभासिय वि [विभासित] प्रकाशित । विभज सक [वि + भज्] बाँटना । पक्षतः विभिण्ण देखो विहिण्ण = विभिन्न । प्राप्ति करना-विधान और निषेध करना। विभीसण पुं [विभीषण] रावण का एक छोटा विभज्ज देखो विभज । विभज्ज । भाई । विदेह वर्ष का एक वासुदेव । विभज्जवाद । पुं [विभज्यवाद] स्याद्वाद, विभीसावण वि [विभीषण] भय-जनक । विभज्जवाय , अनेकान्तवाद, जैन दर्शन । विभीसिया स्त्री [विभिषिका] भय-प्रदर्शन । विभत्त वि [विभक्त] विभाग-युक्त। न. विभु पुं. प्रभु । स्वामी । इक्ष्वाकु वंश का एक विभाग। राजा । वि. व्यापक । विभत्ति स्त्री [विभक्ति] विभाग, भेद । विभूइ स्त्री [विभूति] ऐश्वर्य । धूमधाम । अहिंसा। व्याकरण-प्रसिद्ध प्रत्यय-विशेष । विभमण न [दे] ओसीसा। विभूसण न [विभूषण] अलंकार । शोभा। विभय देखो विभज। विभूसा स्त्री [विभूषा] सिंगार की सजावट । विभर सक [वि + स्मृ] विस्मरण करना, भूल शरीर-शोभा । जाना। विभूसिय वि [विभूषित] अलंकृत । विभव देखो विहव। विभेद । पुं. भेदन, विदारण । भेद, प्रकार । विभवण न [विभवन] खराब करना। विभेय । विभाइम वि [विभाज्य] विभाग-योग्य । विभेयग वि [विभेदक] भेदनकर्ता । विभाइम वि [विभागिम] विभाग से बना। विमइ स्त्री [विमति छन्द-विशेष । विभाग पुं. अंश । विमइअ वि [दे] भत्सित, तिरस्कृत । विभागिम देखो विभाइम = विभागिम । विमउल वि [विमुकुल] विकसित । विभाय देखो विभाग। विमंतिय वि [विमन्त्रित] जिसके बारे में विभाय न [विभात] प्रकाश, कान्ति, तेज । __ मसलहत-गुप्त युक्ति की गई हो वह । विभाय पुं [विभाव) परिचय । विमंसिअ वि [विमृष्ट, विमर्शित] विचारित । विभाव सक [वि+भावय] विचार करना । विमग देखो विमय । विवेक से ग्रहण करना । समझना । विमग्ग सक [वि+मार्गय] विचार करना । विभाव देखो विभव। खोजना। प्रार्थना करना। इच्छा करना, विभावसु पं. देखो विहावसु । चाहना । मांगना । विभास सक [वि+भाष] स्पष्ट कहना। विमझ न [विमध्य] अन्तराल । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy