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________________ विणीअ-वितिगिछ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष ग्रहण कराना। | विष्णु । वि [विज्ञ] विद्वान् । विणीअ वि [विनीत] दूर किया हुआ । विनय- | विष्ण युक्त । शिक्षित । विण्हावणक न [विस्नापनक] मन्त्र आदि विणीआ स्त्री [विनीता] अयोध्या नगरी । ___ द्वारा संस्कृत जल से कराया जाता स्नान । विणील वि [विनील] विशेष हरा रंग का। विण्हि देखो वण्हि = वृष्णि । विणु (अप) देखो विणा। विण्हु ' [विष्णु] श्रेयांसनाथ के पिता । विणेअ वि [विनेय] शिक्षणीय, शिष्य । श्रवण नक्षत्र का अधिपति देव । राजा अन्धकविणोअ सक [वि + नोदय] खण्डित करना । वष्णि का नवां पुत्र। जैन मुनि विष्णुकुमार। हटाना । खेल करना । कुतूहल करना। एक श्रेष्ठी । वासुदेव, नारायण श्रीकृष्ण । विणोअ ' [विनोद] क्रीड़ा। व्यापक । अग्नि । शुद्ध । एक स्मृति-कर्ता कौतुक । मुनि । आर्य जेहिल के शिष्य एक जैन मुनि । विणोइअ वि [विनोदित] विनोद-युक्त कृत । स्त्री. ग्यारहवें जिनदेव की माता । 'कुमार विणोयक । वि [विनोदक] कुतूहल-जनक । पुं. एक जैन मुनि । 'सिरी स्त्री [°श्री] एक विणोयग । सार्थवाह-पत्नी । देखो विन्हु । विण्ण देखो विष्णु। वितंड देखो वितद्द । विण्णत्त वि [विज्ञप्त] निवेदित । वितण्ह वि [वितृष्ण] तृष्णा-रहित । विण्णत्ति स्त्री [विज्ञप्ति निवेदन। विनिर्णय ।। | वितत पुं. वाद्य का एक प्रकार का शब्द । ज्ञान । विज्ञान । एक महाग्रह । देखो विअत्त। देखो विअय विण्णय देखो विणइय। = वितत । विण्णय देखो विण्ण। वितत न [दे] कार्य । विण्णव सक [वि + ज्ञपय] प्रार्थना करना । वितत्त वि [वितृप्त] विशेष तृप्त । मालूम करना । कहना । वितत्थ पुं [वित्रस्त] एक महाग्रह, ज्योतिष्क विण्णवणा स्त्री [विज्ञापना] विज्ञापन, निवे- देव-विशेष । वि. भयभीत । दन । वितत्था स्त्री [वितस्ता] एक महा-नदी। विण्णा सक [वि+ज्ञा] जानना। वितद्द वि [वितर्द हिंसक । प्रतिकूल । विण्णाउ वि [विज्ञातृ] जाननेवाला । वितर देखो विअर = वि + त । विण्णाण देखो विन्नाण । वितर (अप) सक [वि+स्तारय् ] विस्तार विण्णाण न [विज्ञान] अवाय-ज्ञान, निश्च- करना। यात्मक ज्ञान । वितरण देखो विअरण = वितरण । विण्णाणि वि [विज्ञानिन्] निपुण, विचक्षण । वितल वि. शबल, चितकबरा । विण्णाय वि [विज्ञात] जाना हुआ। न. वितह वि [वितथ] मिथ्या, असत्य । विज्ञान । वितिकिच्छिअ वि [विचिकित्सित] फल की विण्णाव देखो विण्णव । तरफ संदेह वाला। विण्णास वि [वि+ न्यासय] स्थापना वितिकिण्ण देखो विइकिण्ण। करना, रखना। वितिक्कंत देखो विइक्वंत। विण्णास देखो [विन्यास] रचना, स्थापना। ( वितिगिंछ सक वि + चिकित्स् ] विचार Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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