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________________ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष विघर-विच्छिद विघर देखो विग्घर । __ टुकड़ा-टुकड़ा करना। विघाय पुं[विघात] विनाश । विचेयण वि [विचेतन] चैतन्य-रहित । विधायग वि [विघातक] विनाशकर्ता। विचेल वि. वस्त्र-वर्जित । विघुटु न [विघुष्ट] विरूप आवाज करना । विच्च सक [वि + अय्] व्यय करना। देखो देखो विग्घुट्ट। विव्व । विघुम्म अक [वि + घूर्णय ] डोलना । विच्च पुंन [दे] व्यूत, बुनने की क्रिया। विचक्खु वि [विचक्षुष्क] चक्षु-रहित । विच्च न [दे. वमन्] बीच । मार्ग । विचच्चिया स्त्री [विचिका] रोग-विशेष । विच्च अक [दे] समीप में आना । पामा । विच्चवण न [विच्यवन] भ्रंश, विनाश । विचलिर वि विचलित] चलायमान होने- विच्चामेलिय वि [व्यत्यानेडित] भिन्न-भिन्न वाला। अंशों से मिश्रित । तोड़ कर साँधा हुआ। विचल्लिय वि [विचलित] चंचल बना हुआ। विच्चाय पुं [वित्याग] परित्याग । विचार देखो विआर : वि + चारय । विच्चि स्त्री [वीचि] तरंग। विचारग वि [विचारक] विचार-कर्ता ।। विच्चु । देखो विचुअ। विचाल न. अन्तराल । विच्चअ , विचिअ वि [विचित] चुना हुआ। विच्चुइ स्त्री [विच्युति] भ्रंश, विनाश । विचित सक [वि +चिन्तय] विचार करना । | विच्चोअय न [दे] उपधान, मोसीसा । विचिक्की स्त्री [दे] वाद्य-विशेष। विच्छ देखो विअ = विद् । विचिगिच्छा स्त्री [विचिकित्सा संशय, धर्म- | विच्छड्ड सक [वि + छर्दय] परित्याग करना । कार्य के फल की तरफ संदेह । फेंकना । आच्छादित करना । विचिट्टिअ वि [विचेष्टित] जिसकी कोशिश | विच्छड्ड पुं [विच्छर्द] वैभव । विस्तार । की गई हो । न. चेष्टा, प्रयत्न । विच्छड्डु पुं [द] निवह, समूह । ठाटबाट, विचिण । सफ [वि + चि] खोज करना। धूमधाम । विचिण्ण , फूल आदि चुनना । विच्छड्डि स्त्री [विच्छदि] विशेष वमन । विचित्त वि[विचित्र] विविध । अद्धत, आश्चर्य- | परित्याग । विस्तार । परित्यक्त । विक्षिप्त । कारक अनेक रंगवाला, शबल । अनेक चित्रों आच्छादित। से युक्त । पुं. पर्वत-विशेष । वेणुदेव और वेणु- विच्छय वि [विक्षत] विविध तरह से पीड़ित । दारि नामक इन्द्रों का एक लोकपाल । कूड | छिन्न, हत । देखो विक्खय। पुं [ कूट] शीतोदा नदी के किनारे पर्वत- विच्छल देखो विन्भल । विशेष । पक्ख पुं [°पक्ष] वेणुदेव और | विच्छवि वि. विरूप आकृतिवाला। पुं. एक वेणुवारि नामक इन्द्रों का एक लोकपाल । | नरक-स्थान । चतुरिन्द्रिय जन्तु की एक जाति । विच्छाय सक [विच्छायय] निस्तेज करना । विचित्ता स्त्री [विचित्रा] ऊर्ध्व लोक या अधो- | विच्छिअ वि [दे] पाटित, विदारित । विचित, लोक में रहनेवाली एक दिक्कुमारी देवी। चुना हुआ । विरल । विचुणिद (शौ) देखो विचिअ । विच्छिअ देखो विछिअ। विचुन्नण न [विचूर्णन] चूर-चूर करना, | विच्छिद सक [वि + छिद्] तोड़ना, अलग Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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