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________________ संक्षिप्त प्राकृत - हिन्दी कोष ७१८ हिंसक । वहग वि [वधक ] घातक, वह वि [ व्यथक] ताड़ना करनेवाला । वह पुं [दे] दमनीय बछड़ा । वहढोल पुं [दे] वात्या, वात- समूह | वहण न [ वहन ] ढोना । पोत, जहाज । शकट आदि वाहन । वि. वहन करनेवाला । वहण (शौ) देखो पगय = प्रकृत । वहण (अप) देखो वसण = वसन । वहणया स्त्री [ वहना] निर्वाह । वहणा स्त्री [वधना ] वध, घात, हिसा । वहणु पुं [व्यधज्ञ ] एक नरक-स्थान । वह देखो वहग = वधक | वहलीअ देखो बहलीय । वहा देखो वह = वध | वहाव सक [वाय् ] वहन कराना । वहाविअवि [धित ] मरवाया हुआ । 'हाविअ देखो पहाविअ । हि [] अवलोकित । वहिइअ देखो वहइअ । वहिचर अक [ व्यभि + चर् ] पर-पुरुष या पर-स्त्री से संभोग करना । सक. नियम भंग करना । वहिचार पुं [ व्यभिचार ] पर-स्त्री या परपुरुष से संभोग । न्यायशास्त्र - प्रसिद्ध एक हेतु-दोष । हिया स्त्री [] हिसाब लिखने की बही । वहियाली देखो वाहियाली । लिग पुं [दे. हलक] ऊँट, बैल आदि पशु वहिल व [] शीघ्र । पुंस्त्र [] चिवडा, गन्ध-द्रव्य- विशेष । 'देखो वहू | वहुधारिणी स्त्री [दे] नवोढा । वहुण्णी स्त्री [दे] ज्येष्ठ भार्या । वहुमास पुं [दे] रमण-विशेष, क्रीड़ा- विशेष, जिसमें खेलता हुआ पति नवोढा के घर से Jain Education International बाहर नहीं निकलता है । वहुरा स्त्री [दे] शिवा, सियारिन । वहुलिआ (अप) स्त्री [ वधूटिका ] अल्पवय वाली स्त्री, बहुरिया । बहुव्वा स्त्री [] छोटी सास । वहग - वाइत्त डिणी स्त्री [] एक स्त्री के रहते हुए ब्याही जाती दूसरी स्त्री । वहू स्त्री [ वधू] भार्या, नारी । वहोल पुं [दे] छोटा जल प्रवाह । हौलिया स्त्री [] | वा अक गति करना, चलना । CT अक [वै, म्लै] सूखना । वाक [व्ये] बुनना । वा अ. इन अर्थों का सूचक अव्यय - विकल्प, अथवा, या । समुच्चय, और, तथा । अपि, भी । अवधारण । सादृश्य । उपमा । पाद-पूर्ति । वाअड पुं [दे] शुक । वाअड देखो वावड = व्यापूत । वाइ वि [वादिन्] वक्ता । शास्त्रार्थ में पूर्वपक्ष का प्रतिपादन करनेवाला । दार्शनिक, तीर्थिक । वाइ वि [वाचिन् ] वाचक, अभिधायक, कहने वाला । वाइ देखो वाजि । वाइअ व [वाचिक ] वचन-सम्बन्धी । वाइअ वि [वाचित ] पाठित | पढ़ा हुआ । वाइअ वि [ वातिक] वायु-जन्य । वात-रोगवाला | उत्कर्षवाला । पुं. नपुंसक का एक भेद । वाइअवि [वादित ] बजाया हुआ । वन्दित । वाइअ न [ वाद्य ] बाजा, वादित्र | बाजा बजाने की कला । वाइअ वि [वात] बहा हुआ, चला हुआ । वाइंगण न [दे] बैंगन । वाइंगणी स्त्री [दे] बैंगन का गाछ, वाइंगिणी } वृन्ताकी । वाइगा [दे] देखो बाइया । वाइत न [वादित्र] बाद्य, बाजा । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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