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________________ ६८४ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष रुरु-रूवि रुरु पुं. मृग-विशेष । वनस्पति-विशेष । एक , वडिसय न [वतंसक] रूपा देवी का अनार्य देश । एक अनार्य मनुष्य-जाति । । भवन । °सिरी स्त्री ["श्री] एक गृहस्थ रुरुव अक [रोख्य्] खूब आवाज करना । स्त्री । °वई स्त्री [°वती] भूतानन्द इन्द्र की बारम्बार चिल्लाना । अग्र-महिषी । देखो रूवय % रूपक । रुल अक [लुठ] लेटना । रूअरूइआ [दे] देखो रुअरुइआ। रुलुघुल अक [दे] निःश्वास डालना। रूआ स्त्री [रूपा] भूतानन्द इन्द्र की एक अग्ररुव देखों रुअ = रुद् । महिषी । एक दिक्कुमारी देवी। रुवणा स्त्री [रोवणा] आरोपणा, प्रायश्चित्त रूआमाला स्त्री [रूपमाला] छन्द-विशेष । का एक भेद । रूआर वि [रूपकार] मूत्ति बनानेवाला। रुविल देखो रुइल। रूआवई स्त्री [रूपवती] एक दिक्कुमारी देवी। रुव्व देखो रुअ- रुद् । रूढ वि. परम्परागत, सिद्ध । प्रसिद्ध । प्रगुण, रुस देखो रूस। रुसा स्त्री [रोष] रोष। तंदुरुस्त । | रूढ वि. उगा हुआ, उत्पन्न । रुह अक [रुह ] उत्पन्न होना । सक. घाव रूढि स्त्री. परम्परागत से प्रसिद्धि । को सुखाना । रुह वि. उत्पन्न होनेवाला । रूप पु. पशु । रुहण न [रोधन] निवारण । रूअ देखो = रूप । रूपि पु [रूपिन्] सौनिक, कसाई । रुहरुह अक [दे] मन्द मन्द बहना । रूरुइय न [दे] उत्सुकता, रणरणक । रुहुरुहय पुंदे] उत्कण्ठा । रूअ न [दे. रूत] रुई, तूल । रूव पुंन [रूप] आकृति । सौन्दर्य । वर्ण । रूअ पुं [रूप] पूर्णभद्र और विशिष्ट नामक | मूर्ति । स्वभाव । शब्द, नाम । श्लोक । इन्द्र का एक लोकपाल । आकृति । वि. | नाटक । एक । रूपवाला । देखो रूअ = सदृश । °कंत पुं [ कान्त] पूर्णभद्र और रूप । कता देखो रूअ-कंता। °जक्ख ! विशिष्ट इन्द्र का लोकपाल । °कता स्त्री [यक्ष] धर्मपाठक । °धार वि. रूप-धारी । [°कान्ता] भूतानन्द इन्द्र की अग्र-महिषी । प्पभा देखो रूअ-प्पभा। मंत देखो °वंत । एक दिक्कुमारी-महत्तरिका । 'प्पभ पुं °वई स्त्री [°वती] भूतानन्द इन्द्र की अग्र[प्रभ] पूर्णभद्र और विशिष्ट नाम का लोक महिषी । सुरूप भूतेन्द्र की अग्र-महिषी । एक पाल । °प्पभा स्त्री [°प्रभा] भूतानन्द इन्द्र दिक्कुमारी महत्तरिका । °वंत, स्सि वि की अग्र-महिषो। एक दिक्कुमारी देवी । [°वत्] रूपवाला। देखो रूव = रूप । रूवग पुंन [रूपक] रुपया। साहित्य-प्रसिद्ध रूअंस पुं [रूपांश] पूर्णभद्र और विशिष्ट इन्द्र । एक अलंकार । देखो रूअग = रूपक । का एक लोकपाल । रूवमिणी स्त्री [दे] रूपवती स्त्री। रूअंसा स्त्री [रूपांशा] भूतानन्द इन्द्र की अग्र- रूवय देखो रूवग। महिषी । एक दिक्कुमारी देवी । रूवसिणी देखो रूवमिणी। रूअग) पुंन [रूपक] रुपया। पु. एक | रूवा देखो रूआ। रूअय । गृहस्थ । रूपा देवी का सिंहासन । ) रूवि पुंस्त्री [दे] अर्क-वृक्ष । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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