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________________ भुमा , भुआ-भुश्का संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष ६३१ भुआ देखो भुअ = भुज । | हो । सेवित । अनुभूत । न. भक्षण, भोजन । भुइ स्त्री [भृति] पोषण । वेतन । मूल्य । विष-विशेष । भोगि वि [°भोगिन्] जिसने भुउडि देखो भिउडि । भोगों का सेवन किया हो । भुगल न [दे] वाद्य-विशेष । भुत्तव्व देखो भुंज का कृ.। भुज सक [भुज्] भोजन करना। पालन भुत्ति स्त्री [भुक्ति] भोजन । भोग । आजीविका करना । भोग करना । अनुभव करना। के लिए दिया जाता गाँव, क्षेत्र आदि भुजग । वि [भोजक] भोजन करनेवाला । __ गिरास । °वाल पुं [पाल] गिरासदार । भुंजय । भुत्तु वि [भोक्तृ] भोगनेवाला । भुंजाव सक [भोजय ] भोजन कराना । भुत्तूण पुं [दे] भृत्य । पालन कराना । भोग कराना। । भुत्थल पुं [दे] बिल्ली को फेंका जाता भोजन । भुंजावय वि [भोजक] भोजन करानेवाला । भुम देखो भम = भ्रम् । भुंड । पुंस्त्री [दे] सूकर, वराह । भुम° भुंडीर, भुमया स्त्री [८] भौं । भुंभल न [दे] मद्य-पात्र । भुंहडि (अप) देखो भूमि । भुम्मि (अप) देखो भूमि। भुक्क अक [ बुक्क ] श्वान का भूकना । भुरुंडिआ स्त्री [दे] शृगाली। भुक्कण [दे] कुत्ता। मद्य आदि का मान। | भुरुंडिय । भुक्खा स्त्री [दे. बुभुक्षा] क्षुधा। °लु वि | भुरुकुंडिअ वि [दे] उद्धूलित, धूलि-लिप्त । [°वत् ] भूखा। भुक्खिअ वि [दे. बुभुक्षित] भूखा । भुल्ल अक [भ्रंश्] गिरना । भूलना । भुगुभुग अक [ भुगभुगाय ] 'भुग' 'भुग' | भुल्ल वि [भ्रष्ट] भूला हुआ । आवाज करना । भुल्लविअ वि [भ्रंशित] भ्रष्ट किया हुआ । भुग्ग वि [भुग्न] मोड़ा हुआ, वक्र, कुटिल । भुल्लुकी [दे] देखो भल्लुकी। वि. भग्न । दग्ध । भूना हुआ। भव देखो हव - भू । भुज (अप) देखो भुज। भुव देखो भुअ = भुज । भुजंग देखो भुअंग। भुवइंद देखो भुअइद । भुजग देखो भुअग = भुजग । भुवण न [भुवन] जगत् । जीव, प्राणी । भुज्ज देखो भुज। आकाश । °क्खोहणी स्त्री[क्षोभनी] विद्याभुज्ज पुं [भूर्ज] वृक्ष-विशेष । न. उस की विशेष । °गुरु पुं. जगत् का गुरु । "नाह पुं छाल । 'पत्त, °वत्त न [पत्र] वही अर्थ । [°नाथ] जगत् का त्राता। °पाल पुं. बारभुज्ज देखो भुंज। हवीं शताब्दी का गोपगिरि का राजा । °बंधु भुज्ज वि [भूयस् ] प्रभूत । पुं [°बन्धु] जगत् का बन्धु । जिनदेव । 'सोह भुज्जिय वि [दे. भुग्न] भूना हुआ धान्य । पुं [°शोभ] सातवें बलदेव के दीक्षक जैन भुज्जो अक [ भूयस् ] फिर । मुनि । °ालंकार पुं. रावण का पट्ट-हस्ती । भुण्ण पुं [भ्रूण] स्त्री का गर्भ । शिशु । भुवणा स्त्री [भुवना] विद्या-विशेष । भुत्त वि [भुक्त] भक्षित । जिसने भोजन किया भुश्का (मा) देखो भुक्खा। भुरुहंडिअ ) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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