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________________ ६१६ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष बिब्बोइअ-बुदिणी बिब्बोइअ न [विव्वोकित] स्त्री की शृंगार- । बीअ न [बीज] बीज । मूल कारण । वीर्य । चेष्टा का एक भेद । शुक्र । 'ह्रीं' अक्षर । °बुद्धि वि. मूल अर्थ को बिब्बोयण न [दे] तकिया, ओसीसा। जानने से शेष अर्थों का निज बुद्धि से स्वयं बिभेलय देखो बहेडय। जाननेवाला । °मंत वि [वत्] बीजवाला । बिराड पुं [बिडाल] मध्यलघुक पाँच मात्रा- | °रुइ स्त्री [°रुचि] एक ही पद से अनेक पद वाला अक्षर-समूह । छन्द-विशेष । और अर्थों का अनुसन्धान द्वारा फैलनेवाली बिराल देखो बिडाल। रुचि । वि. उक्त रुचिवाला । रुह वि. बीज बिरालिआ । देखो बिडालिआ। भुज- | से उत्पन्न होनेवाली वनस्पति । °वाय पुं बिराली परिसर्प-विशेष । [°वाप] क्षुद्र जन्तु-विशेष । 'सुहम न बिरालिया स्त्री [बिरालिका] स्थल-कन्द ।। [°सूक्ष्म] छिलके का अग्र भाग । बिरुद न [विरुद] इल्काब, पदवी । बीअऊरय न [बीजपूरक] नीबू-विशेष । बिल न. रन्ध्र, विवर, साँप आदि जन्तुओं के | बीअजमण न [दे] खलिहान । रहने का स्थान । कुआँ । °कोलीकारक वि| बीअण । पुन [दे. बीजक] असन वृक्ष, [दे. °कोलीकारक] दूसरे को व्यामुग्ध करने बीअय , विजयसार का गाछ । के लिए विस्वर वचन बोलनेवाला । °पंतिया | बीअवावय पं बीजवापक] विकलेन्द्रिय जन्तु स्त्री [°पङ्क्तिका] खान की पद्धति । की एक जाति । बिलाड । देखो बिडाल। | बीआ स्त्री [द्वितीया] दूज । द्वितीय विभक्ति । बिलाल । बीज देखो बीअ - बीज। बिल्ल पुं [बिल्व] बेल का पेड़ न. बेल का | बीडग छन[बीटक] बीड़ा, पान का बीड़ा । फल । बीडि स्त्री [बीटि, °टी] । बिल्लल पुं [बिल्वल] अनार्य देश । उसकी मनुष्य-जाति । बीभच्छ पुं[बीभत्स] एक साहित्यिक । बिस न. मृणाल । °कंठी स्त्री [ °कण्ठी ] बीभच्छ । वि [बीभत्स] घृणोत्पादक । बलाका । बीभत्थ ) भयंकर । पुं. रावण का एक बिसि देखो बिसी। सुभट । बिसिणी स्त्री [बिसिनी] कमलिनी । बीयत्तिय वि [दे. बीजयितु] बीज बोनेवाला, बिसी स्त्री [बृषी] ऋषि का आसन । वपन करनेवाला । पुं. पिता । बिह अक [भी] डरना। बीलय पुं [दे] ताडंक, कर्णभूषण-विशेष । बिह वि [बृहत्] बड़ा, महान् । °ण्णर पुं बीह अक [भी] डरना। [°नल] छन्द-विशेष । बीहच्छ देखो बीभच्छ । बीहण वि [भीषण, °क] भय जनक । बिहप्फइ देखो बहस्सइ । बुआव सक [वाचय ] बुलवाना । बिहस्सइ) बुइअ वि [उक्त] कथित । बिहि देखो बिहि। बुदि पुंस्त्रो [दे] चुम्बन । मअर ।। बिहेलग देखो बिभेलय। बुदि स्त्री [दे] शरीर । देखो बोंदि । बीअ देखो बिइअ। | बुदिणी स्त्री [दे] कुमारी-समूह । स्त्री बी | बीडी बिहप्पइ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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