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________________ पाडल-पाढव संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष पाडल पुं [दे] हंस । बैल । कमल । पाडिसार पुं [दे] निपुणता । वि. पटु । पाडलसउण पुं [दे] हंस । पाडिसिद्धि देखो पडिसिद्धि = प्रतिसिद्धि । पाडला स्त्री [पाटला] पाढल का पेड़, पाडिसिद्धि स्त्री (दे] स्पर्धा । समुदाचार । पाडरि। वि सदृश । पाडलि स्त्री [पाटलि] ऊपर देखो । °उत्त, पाडिसिरा स्त्री [दे] खलीन-युक्ता । पत्त न [पुत्र] पटना नगर । "पुत्त पाडिस्सुइय न [प्रातिश्रुतिक] अभिनय का वि [पुत्र] पाटलिपुत्र-सम्बन्धी । °संड न | एक भेद । [°षण्ड] नगर-विशेष । पाडिहच्छी । स्त्री [दे] शिरो-माल्य । पाडली देखो पालि। °पुर न., वुत्त पाडिहत्थी , [पुत्र] पटना नगर । पाडिहारिय वि [प्रातिहारिक] वापस देने पाडव न [पाटव] पटुता। योग्य वस्तु । पाडवण न [दे] पाद-पतन, प्रणाम-विशेष । । पाडिहेर न [प्रातिहार्य] देवता-कृत प्रतीहारपाडहिग वि [पाटहिक] ढोल बजानेवाला । कर्म, देवकृत पूजा-विशेष । देव-सान्निध्य । पाडहुक वि [दे] प्रतिभू, मनौतिया, जामिन- पाडी स्त्री [दे] भैंस की बछिया । दार । पाडुकी स्त्री [दे] जखमवाले की पालकी । पाडिअग्ग पुं[दे] विश्राम । पाड्गोरि वि [दे] गुण-रहित । मद्य में पाडिअज्झ पं [दे] पिता के घर से वधू को आसक्त । स्त्री. मजबूत वेष्टन-वाली बाड़ । पति के घर ले जानेवाला । पाडुक्क पुं [दे] समालम्भन, चन्दन आदि का पाडिआ देखो पाडय = पातक । शरीर में उपलेप । वि. पटु, निपुण । पाडिएक्क ) न [प्रत्येक] हर एक । पाडुच्चिय वि [प्रातीतिक] किसी के आश्रय से पाडिक । होनेवाला, आपेक्षिकः । पाडितिय न [प्रात्यन्तिक] अभिनय-विशेष ।। पाडुच्ची स्त्री [दे] घोड़े का सिंगार । पाडिच्चरण न [प्रतिचरण] सेवा, उपासना। | पाडुहुअ वि [दे] मनौतिया, जामिनदार । पाडिच्छय वि [प्रतीप्सक] ग्रहण करनेवाला। पाडेक्क देखो पाडिक्क । पाडिपह न [प्रतिपथ] अभिमुख । पाडोस पुंदे] पड़ोस । पाडिपहिअ देखो पडिपहिल। पाडोसिअ वि [दे] पड़ोसी । पाडिपिद्धि स्त्री [दे] प्रतिस्पर्धा ।। पाढ सक [पाठय] पढ़ाना, अध्ययन कराना । पाडिप्पवग पुं [पारिप्लवक पक्षि-विशेष। पाढ पुं [पाठ] अध्ययन, पठन । शास्त्र, पाडिप्फद्धि वि [प्रतिस्पर्धिन्] स्पर्धा-कर्ता। आगम । शास्त्र का उल्लेख । अध्यापन. पाडियंतिय न [प्रात्यन्तिक] अभिनय-विशेष । शिक्षा । पाडियक्क देखो पाडिएक्क। पाढ देखो पाडय = पाटक । पाडिवय वि [प्रातिपद] पडवा तिथि का । पं. पाढंतर न [पाठान्तर] भिन्न पाठ । एक भावी जैन आचार्य । पाढग वि [पाठक] उच्चारण करनेवाला । पाडिवया स्त्री [प्रतिपत्] पक्ष की पहली __ अभ्यासी, अध्ययन करनेवाला । अध्यापक । तिथि । पाढय देखो पाढग। पाडिवेसिय वि [प्रातिवेश्मिक] पड़ोसी। पाढव वि [पार्थिव] पृथिवी का विकार, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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