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________________ ५४६ परिगा सक [ परि + गै] गान करना । परिगालण न [परिगालन] गालन, छानन । परिगिज्जमाण देखो परिगा का कृ. । परिगिज्झ परिगिज्झिय परिगेह का कृ. 1 परिगिह देखो परिगेह । परिगिला अक [ परि + ग्लै] ग्लान होना । परिगुणक [ परि + गुणय् ] परिगणन करना, गिनती करना | स्वाध्याय करना । परिगुव अक [परि + गुप्] व्याकुल होना । सक. सतत भ्रमण करना । परिक [परि + गु] शब्द करना ! परिगुव्व अक [ परि + गुज्] व्याकुल होना सक. सतत भ्रमण करना । परि क [परि + ] शब्द करना । परिगेण्ह [परि + ग्र] ग्रहण करना, 7 परिग्गह स्वीकार करना । परिग्गय देखो परिगय । संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष (आवाज) । परिघट्टक [परि + घट्ट आघात करना । परिघट्टण न [ परिघटन] निर्माण, रचना | परिघट्ट व [परिघृष्ट] घिसा हुआ । परिघाय देखो परीघाय परिघास सक [ परि + घासय् ] जिमाना । परिघासिय वि[ परिघर्षित ] परिघर्ष युक्त । परिघुम्मिर वि [परिघूर्णितु] शनैः-शनैः काँपता, हिलता, डोलता । परिघेत्तुं देखो परिगेण्ड का हेकृ. । Jain Education International परिगा - परिच्छित्ति परिघोल सक [परि + घूर्णं ] डोलना । परि भ्रमण करना । परिघोलण न [ दे. परिघोलन] विचार | परिचअ देखो परियय - परिचय | परिचअ देखो परिचअ । परिचत्त देखो परिचत्त । परिचरणा स्त्री. [परिचरणा] सेवा, भक्ति । परिचारअवि [ परिचारक ] सेवक । परिचारणा स्त्री. मैथुन प्रवृत्ति । परिचिट्ठ अक [परि + स्था] रहना, स्थिति 1 परिग्गह पुं [परिग्रह] ग्रहण, स्वीकार । धन आदि का संग्रह | ममल, मूर्च्छा। ममत्वपूर्वक जिसका संग्रह किया जाय वह । 'वेरमण न [ "विरमण ] परिग्रह से निवृत्ति | सम्बन्धी क्रिया । परिघग्घर वि [परिघर्घर ] बैठी हुई वंत व [व] परिग्रह-युक्त | परिग्गहिया स्त्री [पारिग्रहिकी ] परिग्रह- परिचिअ वि [दे] उत्क्षिप्त, ऊपर फेंका हुआ । परिचि देखो परिचिय । परिच्छ देखो परिक्ख । परिच्छग वि [परीक्षक] परीक्षा- कर्त्ता । परिच्छण्ण वि [परिच्छन्न] आच्छादित | परिच्छद युक्त, परिवार सहित । परिच्छय वि [ परीक्षक] परीक्षा करनेवाला । परिच्छिद क [ परि + छिद्] निश्चय करना, निर्णय करना । काटना | करना । परिचिय वि [परिचित ] ज्ञात, जाना हुआ, चिह्ना हुआ, पहिचाना हुआ । परिचुंब देखो परिडंब | परि क [ परि + त्यज् ] छोड़ देना । परिचत वि [ परित्यक्त] जिसका परित्याग किया गया हो वह । परिचाइ वि [परित्यागिन् ] परित्याग करने वाला । परिचाग पुं [ परित्याग ] त्याग, मोचन ! परिचाय परिचाय वि [ परित्याज्य ] त्याग करने लायक । परिच्छिण्ण वि [परिच्छिन्न ] काटा हुआ । निर्णीत निश्चित । परिच्छित्ति स्त्री [परिच्छित्ति ] परिच्छद, निर्णय | परीक्षा, जाँच | For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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