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________________ अणियट्टि - अणुअंपा वाला । न शुक्ल-ध्यान का एक भेद । पुं. एक महाग्रह । आगामी उत्सर्पिणी काल में होनेवाले एक तीर्थंकर देव का नाम । [अनिवृत्ति ] निवृत्ति - रहित, व्यावृत्ति-वर्जित । नववाँ गुणस्थानक । करण न आत्मा का विशुद्ध परिणाम - विशेष । ' बादर न नववां गुण-स्थानक । नववें गुणस्थान में प्रवृत्त जीव । अणियण देखो अणगिण । संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष अणिय वि [ अनियत ] अव्यवस्थित, अनियमित, कल्पवृक्ष की एक जाति, जो वस्त्र देती है । अणिया देखो अणिदा । अणिया स्त्री [दे] धार, अग्र भाग । अणिरिक वि [दे] परतन्त्र | अणिरिण वि [ अनृण] ऋण - वर्जित । अणिरुद्ध वि [ अनिरुद्ध ] अप्रतिहत । अन्तकृद् मुनि । अलि पुं [ अनिल ] पवन । एक अतीत तीर्थकर का नाम | राक्षस-वंशीय एक राजा । अणिला स्त्री [अनिला] बाईसवें तीर्थंकर की एक शिष्या । अणिल्ल न [ दे] प्रभात । अणिस न [ अनिश ] हमेशा । अण वि [ अनिसृष्ट] अनिक्षिप्त, असंअणिfe ) मत । ऐसी भिक्षा, जिसके मालिक अनेक हों और जो सबकी अनुमति से ली न गई हो । साधु की भिक्षा का एक दोष । afrate fa [ अनिशीथ ] शास्त्र - विशेष, जो प्रकाश में पढ़ा या पढ़ाया जाय । afreens fव [अनिश्रीकृत ] जिस पर किसी खास व्यक्ति का अधिकार न हो, सर्व Jain Education International एक साधारण । अणितिय वि [ अनिश्रित ] आसक्तिरहित, रुकावट रहित, अनाश्रित, किसी के साहाय्य की इच्छा न रखनेवाला । न. ज्ञान-विशेष, अव | ३५ ग्रहज्ञान का एक भेद, जो लिंग या पुस्तक के बिना ही होता है । afe fa [ अह ] धीर, निष्कपट, निर्मम, निःस्पृह | अणिह वि [ अस्निह | स्नेहरहित । अणिह वि [दे] सदृश, न. मुख । अणिय वि [ अनिहत] अहत | °रिउ पुं [°रिपु ] एक अन्तकृद् मुनि । अइस वि [अनीदृश ] इस माफिक नहीं, विलक्षण | अणीय न [ अनीक] सेना । अणीयस पुं [अनीस ] एक अन्तकृद् मुनि का नाम । अणीस वि [ अनीश ] असमर्थ | अणीसकड देखो अणिस्सकड । हारिम वि[अनिहरिम] गुफा आदि में होनेवाला मरण-विशेष | अणु अ [अ] इन अर्थों का सूचक उपसर्गनजदीक, छोटा, परिपाटी, भीतर, लक्ष्य करना, योग्य, वीप्सा, बीच का भाग, अनुकूल, हितकर, प्रतिनिधि, पीछे, बहुत, मदद करना । निरर्थक भी इसका प्रयोग होता है । अणुवि अल्प, छोटा, पुं. परमाणु । मय वि [ मत] उत्तम कुल | 'विरइ स्त्री [विरति ] देखो देसविरइ | अणु पुं [दे] धान-विशेष, चावल की एक जाति । अणु स्त्री [ तनु ] शरीर | [अ] मूर्ख । अ अ अणुअ पुं [दे] आकृति, आकार । पुंस्त्री. धान्य- विशेष | अणुअवि [ अनुग] अनुसरण करनेवाला | अणुअवि [ अनुज ] पीछे से उत्पन्न । पुं. छोटा भाई । स्त्री. छोटी बहिन | अणुअंच सक [ अनु + कृष् ] पीछे खींचना । अणुअंप मक [ अनु + कम्प् ] दया करना । अणुअंपा स्त्री [अनुकम्पा ] दया, करुणा । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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