SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 539
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ५२० पडिलीण वि[ प्रतिलीन ] अत्यन्त लीन । पडिलेह तक [ प्रति + लेखय् ] निरीक्षण करना, देखना | विचार करना । निरूपण करना । अवलोकन करना । | संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष पडिलेहरा देखो पडिलेहय । पडिलेही स्त्री [प्रतिलेखनी] साधु का एक उपकरण । वाला । पडिवज्जावण न[प्रतिपादन ] स्वीकार कराना । पडिवट्टअ न [ प्रतिपट्टक] एक प्रकार का रेशमी कपड़ा । विड्ढा अवि [ प्रतिवर्धापक] बधाई देने पर उसे स्वीकार कर धन्यवाद देनेवाला । बधाई के बदले में बधाई देनेवाला । ज्ञान । प्राप्ति । भक्ति, पडिले वि [ प्रतिलेखक ] निरीक्षक, देखने- पडिवण्ण वि [ प्रतिपन्न ] प्राप्त । अंगीकृत | आश्रित । जिसने स्वीकार किया हो वह पडिवत्त पुं [ परिवर्त्त ] परिवर्तन | पडिवत्तण देखो पडिअत्तण । पडिवत्ति स्त्री [ प्रतिपत्ति ] परिच्छित्ति । प्रकृति, प्रकार | प्रवृत्ति, खबर । आदर, गौरव | स्वीकार | मतान्तर । अभिग्रह - विशेष | सेवा | परिपाटी क्रम । श्रुत विशेष, गति, इन्द्रिय आदि द्वारों में से किसी एक द्वार के जरिये समस्त संसार के जीवों को जानना । समास पुं. श्रुत ज्ञान - विशेष - गति आदि दो चार द्वारों के जरिये जीवों का ज्ञान । वित्तुं पडिवज्जका कृ. 1 soft देखो पडिवत्ति । पविद्धाव देखो पडिवड्ढावअ । पडिवन्निय (अप) देखो पडिवण्ण । पडिवय अक [ प्रति + पत्] ऊँचे गिरना । वाला । पडिलोम वि [ प्रतिलोम ] प्रतिकूल । विपरीत । न. पश्चादानुपूर्वी, उलटा क्रम । उदाहरण का एक दोष । अपवाद । पडिलोमइत्ता अ [ प्रतिलोमयित्वा ] वादविशेष, वादसभा के सदस्य या प्रतिवादी को प्रतिकूल बनाकर किया जाता वादशास्त्रार्थ । पडिल्ली स्त्री [] वृति, बाड़ । यवनिका । पडिव देखो पलीव = प्र = दीपय् । पडिवइर न [ प्रतिवैर ] वैर का बदला । पfsos देखो पडिवया । पडिवचण न [ प्रतिवञ्चन] बदला । पडिवंथ देखो पडिपंथ । पडिवंध देखो पडिबंध | पडिवंस पुं [ प्रतिवंश ] छोटा बाँस । पक्कि स [ प्रति + वच्] प्रत्युत्तर देना । पडिली - पडिवह पडिवक्ख पुं [ प्रतिपक्ष ] दुश्मन; विरोधी | छन्द - विशेष । विपर्यय, वैपरीत्य । पडिवय सक[ प्रति + वच् ] उत्तर देना । पडिवक्खिय वि [ प्रतिपक्षिक ] विरुद्ध पक्ष- पडिवयण न [ प्रतिवचन ] प्रत्युत्तर, जवाब । वाला, विरोधी । आदेश, आज्ञा । पं. हरिवंश के एक पडिवच्च सक [ प्रति + व्रज् ] वापस जाना । पडिवच्छ देखो पडिवक्ख । पडिवज्ज सक [प्रति + पद्] स्वीकार करना । प्रतिपादन करना । पडिवज्जण न [ प्रतिपादन] स्वीकार Jain Education International राजा का नाम । पडिवया स्त्री [ प्रतिपत्] पक्ष की पहली तिथि । पडिवविय वि [ प्रत्युप्त ] फिर से बोया हुआ । पडिवस अक [ प्रति + वस्] निवास करना । पडिवसभ पुं [ प्रतिवृषभ ] मूल स्थान से दो कोस की दूरी पर स्थित गाँव । करवाना । पडिवज्जय वि [प्रतिपादक ] स्वीकार करने - पडिवह सक [ प्रति + वह ] वहन करना, जाकर For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy