SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 536
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पडितंत-पडिपूयय संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष ५१७ पडितंतविप्रतितन्त्र] स्व-शास्त्र में प्रसिद्ध अर्थ पडिन्नव सक [ प्रति + ज्ञापय् ] प्रतिज्ञा पडितणु स्त्री [प्रतितनु] प्रतिमा, प्रतिबिम्ब । कराना । नियम दिलाना। पडितप्प सक [प्रतितर्पय] भोजनादि से तृप्त पडिपंथ[प्रतिपथ] विपरीत मार्ग । प्रतिकूलता। करना। पडिपंथि वि [प्रतिपन्थिन्] प्रतिकूल, विरोधी। पडितप्प अक [प्रति + तप्] चिन्ता करना । पडिपक्ख देखो पडिवक्ख । खबर रखना। पडिपडिय वि[प्रतिपतित]फिर से गिरा हुआ। पडितुट्ठ देखो परितुट्ठ। पडिपत्ति , देखो पडि वत्ति । पडितुल्ल वि [प्रतितुल्य] समान । पडिपद्दि । पडित्त देखो पलित्त = प्रदीप्त । पडिपह पुं [प्रतिपथ] उन्मार्ग, विपरीत पडित्ताण देखो परित्ताण । रास्ता । न. अभिमुख, सम्मुख । पडित्थिर वि [दे] सदृश । पडिपाअ सक [ प्रति + पादय ] प्रतिपादन पडित्थिर वि [परिस्थिर] स्थिर । करना, कथन करना। पडिथद्ध वि [प्रतिस्तब्ध] गर्वित । पडिपाय पुं [प्रतिपाद] मुख्य पाद को सहापडिदंड पुं [प्रतिदण्ड] मुख्य दण्ड के समान यता पहुँचानेवाला पाद। दूसरा दण्ड । पडिपाहुड न [प्रतिप्राभृत] बदले की भेंट । पडिदंस सक [ प्रति + दर्शय् ] दिखलाना। पडिपिडिअ वि [दे] बढ़ा हुआ। पडिदा सक [प्रति+दा] पीछे देना, दान का पडिपिल्ल सक [प्रति + क्षिप,प्रतिप्र + ईरय] बदला देना। पडिदासिया स्त्री [प्रतिदासिका] दासी।। प्रेरणा करना। पडिदिसा । स्त्री [प्रतिदिश् ] विदिशा पडिपिल्लण न [प्रतिप्रेरण] प्रेरणा । ढक्कन, पडिदिसि , विदिक् । पिधान । वि. प्रेरणा करनेवाला । पडिदुगंछि वि [प्रतिजुगुप्सिन्] निन्दा करने पडिपिहा देखो पडिपेहा। वाला । परिहार करनेवाला । पडिपीलण न [प्रतिपीडन] विशेष पीडन, पडिदुवार न [प्रतिद्वार] हर एक द्वार । छोटा अधिक दबाव । द्वार। पडिपुच्छ सक [प्रति +प्रच्छ्] पृच्छा करना । पडिधि देखो परिहि। फिर से पूछना । प्रश्न का जवाब देना । पडिनमुक्कार पुं [प्रतिनमस्कार] नमस्कार | पडिपुच्छण न [प्रतिप्रच्छन] नीचे देखो। के बदले में नमस्कार-प्रणाम । पडिपुच्छिअ वि [प्रतिपृष्ट] जिससे प्रश्न किया पडिनिक्खंत वि [प्रतिनिष्क्रान्त] बाहर | गया हो वह । निकला हुआ। | पडिपुज्जिय वि [प्रतिपूजित] पूजित, अचित । पडिनियत्ति स्त्री [प्रतिनिवृत्ति] वापस लौटना, पडिपुत्त पुं. [प्रतिपुत्र] पोता। देखो प्रत्यावर्तन । | पडिपोत्तय । पडिनिवेस पुं [प्रतिनिवेश] आग्रह, कदाग्रह। पडिपुन्न वि [प्रतिपूर्ण] परिपूर्ण, सम्पूर्ण । गाढ़ अनुशय, पश्चात्ताप । पडिपूइय देखो पडिपुज्जिय। पडिनिसिद्ध वि [प्रतिनिषिद्ध] निवारित, पडिपूयग । वि [प्रतिपूजक] पूजा करनेहटाया हुआ। पडिपूयय । वाला। पडिन्नव सक [प्रति + ज्ञपय] कहना । | पडिपूयय वि [प्रतिपूजक] प्रत्युपकार-कर्ता । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy