SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 524
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पच्चब्भास-पच्चाया संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष पच्चभास पुं [ प्रत्याभास ] निगमन, प्रत्यु च्चारण । पच्चभिआण देखो पच्चभिजाण । पच्चभिजाण सक [ प्रत्यभि + ज्ञा] पहिचानना, पहिचान लेना 1 पच्चभिजाणि वि [ प्रत्यभिज्ञात] पहिचाना हुआ । पच्चभिणाण न [ प्रत्यभिज्ञान] पहिचान | पच्चभिन्नाय देखो पच्चभिजाणिअ । पच्चय पुं [ प्रत्यय ] प्रतीति, ज्ञान । निर्णय, निश्चय । हेतु । शपथ, विश्वास उत्पन्न करने के लिए किया या कराया जाता तप्त - माष आदि का चर्वण वगैरह । ज्ञान का कारण । ज्ञान का विषय, ज्ञेय पदार्थ । प्रत्यय-जनक | विश्वास, श्रद्धा | शब्द, आवाज । छिद्र । आधार, आश्रय । व्याकरण- प्रसिद्ध प्रकृति में लगता शब्द - विशेष | पच्चवत्थाण न [ प्रत्यवस्थान ] शङ्कापरिहार, समाधान । प्रतिवचन, खण्डन । पच्चवर न [ दे] मुसल । पच्चाअच्छ आना । पच्चाअद (शौ) देखो पच्चागय । पच्चाइक्ख देखो पच्चक्ख = प्रत्या + ख्या । पच्चाउदृणया स्त्री [प्रत्यावर्त्तनता] अवायसंशय- रहित निश्चयात्मक मति- ज्ञान । पच्चास पुंन [ प्रत्यादेश ] दृष्टान्त | देखो पच्चादेस | पच्चागय वि [ प्रत्यागत ] वापस आया हुआ । न. प्रत्यागमन । पच्चाचक्ख सक [ प्रत्या + चक्ष् ] परित्याग करना । पच्चाणयण न [ प्रत्यानयन] वापस ले आना । पच्चल वि[ दे] पक्का, समर्थ, पहुँचा हुआ । पच्चाणि सक [ प्रत्या + णी] वापस ले अणु आना । पच्चलिउ (अप) अ [ प्रत्युत ] वैपरीत्य, पच्चल्लिउ वरञ्च, वरन् । पच्चाणी पच्चाणीद (शौ ) वि [ प्रत्यानीत ] वापस पच्चवणद (शौ) वि [ प्रत्यवनत] नमा हुआ । पच्चवत्थय वि [प्रत्यवस्तृत ] बिछाया हुआ । आच्छादित | पच्चवाय पुं [ प्रत्यवाय ] विघ्न, व्याघात । दोष, दूषण | पाप । दुःख, पीड़ा । नाश का कारण | अनर्थं । पच्चहन [ प्रत्यह] हररोज । पच्चहिजाण) देखो पच्चभिजाण । पच्चहियाण पच्चा ५०५ 'पिच्चिययन [ दे] बल्वज तृण की कूटी हुई छाल का बना हुआ रजोहरण - जैन साधु का एक उपकरण । पच्चा देखो पच्छा । Jain Education International सक [ प्रत्या + गम् ] वापस पच्चामित्त पुंन [ प्रत्यमित्र ] दुश्मन । मित्र शत्रु । पच्चवेक्खिद (शौ ) वि [ प्रत्यवेक्षित ] पच्चाय सक [ति + आयय् ] प्रतीति कराना । निरीक्षित | विश्वास कराना । ज्ञान कराना । लाया हुआ । पच्चाथरण न [ प्रत्यास्तरण] सामने होकर लड़ना । पच्चादिवि [ प्रत्यादिष्ट] निरस्त, निराकृत | पच्चादेस पुं [प्रत्यादेश ] निराकरण | देखो पच्चाएस | पच्चापड अक [प्रत्या + पत्] लौटकर आ पड़ना । पच्चाय देखो पच्चाया । पच्चायय वि [ प्रत्यायक ] निर्णय - जनक | विश्वास - जनक | स्त्री [दें] तृण- विशेष, बल्वज ।। पच्चाया अक [ प्रत्या + जन्] उत्पन्न होना, ६४ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy