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________________ ४५२ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष दरिस-दविल दरिस सक [दर्शय] दिखलाना, बतलाना। | दलिद्दा अक [दरिद्रा] दुर्गत होना, दरिद्र होना । दरिसण देखो दंसण = दर्शन । °पुर न. नगर- दलिल्ल वि [दलवत्] दलवाला। विशेष । °आवरणी स्त्री [°ावरणी] विद्या- | दव सक [P] गति करना । छोड़ना। विशेष। दव पुं. जंगल की अग्नि । वन । °ग्गि पुं. दरिसणिज्ज न [दर्शनीय] आकृति, रूप । [°ग्नि] जंगल की अग्नि । अवलोकन । दव पुं [द्रव] परिहास । जल । पनीली वस्तु, दरिसणिज्ज । न. उपहार । रसीली चीज । वेग । संयम, विरति । °कर दरिसणीय वि. परिहासकारक । °कारी, गारी स्त्री दरिसाव देखो दरिस। [°कारी] एक प्रकार की दासी जिसका काम दरिसाव पुं [दर्शन] दर्शन, साक्षात्कार । परिहासजनक बातें कर जी बहलाना होता है। दिखावा। दवण न [दवन] यान, वाहन । दरिसावण न [दर्शन]दर्शन, साक्षात्कार । वि. दवणय देखो दमणय। दर्शक, दिखलानेवाला। दवदव । अ [द्रवद्रवम्] शीघ्र । दरी स्त्री. गुफा । दवदवस्स दरुम्मिल्ल वि [दे] निबिड । दवदवा स्त्री [द्रवद्रवा] वेगवाली गति । दल सक [दा] देना, दान करना, अर्पण करना। दवर पुं [दे] तन्तु, धागा । दल अक [दल्] विकसना । फटना, खण्डित दवरिया स्त्री [दे] छोटी रस्सी। होना, द्विधा होना। दवहुत्त न [दे] ग्रीष्म काल का प्रारम्भ । दल सक [दलय] चूर्ण करना, टुकड़े-टुकड़े दवाव सक [दापय] दिलाना । करना, विदारना। दविअ पुंन [द्रव्य] अन्वयी वस्तु, जीव आदि दल न. सैन्य । पत्ता, पंखुड़ी। सम्पत्ति । मौलिक पदार्थ, मूल वस्तु । वस्तु, गुणाधार समुदाय । खण्ड, भाग, अंश । पदार्थ । वि. भव्य, मुक्ति के योग्य । भव्य, दलण न [दलन] पीसना, चूर्णन । वि. चूर्ण सुन्दर, शुद्ध । राग-द्वेष से विरहित । गणुकरनेवाला । ओग पुं [°ानुयोग] पदार्थ-विचार, वस्तु की दलमल देखो दरमल । मीमांसा । देखो दव्व। दलय देखो दल = दा। दविअ वि [द्रविक] संयमी। दलय सक [दापय] दिलाना । दविअ वि [द्रवित] द्रव-युक्त, पनीली वस्तु । दलवट्ट देखो दरमल। दविड देखो दविल। दलवट्टिय देखो दलमलिय । दविडी स्त्री [द्राविडी] लिपि-विशेष, तमिल दलाव सक [दापय्] दिलाना । भाषा। दलिअ वि [दलित] विकसित, खिला हुआ। | दविण न [द्रविण] सम्पत्ति । पीसा हुआ । विदारित, खण्डित । दविय न [द्रव्य] घास का जंगल, वन में घास दलिअ न [दलिक] वस्तु, द्रव्य । पण्डित । के लिए सरकार से अवरुद्ध भूमि । तृण आदि दलिअ वि [दे] जिसने टेढ़ी नजर की हो वह। द्रव्य-समुदाय । न. उंगली । काष्ठ । दविल पुं [द्रविड] मद्रास प्रान्त । पुंस्त्री. दलिद्द देखो दरिद्द । | द्रविड़ देश का निवासी मनुष्य, द्राविड़ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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