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________________ ४३० तिक्खा स्त्री [तितिक्षा ] क्षमा, सहिष्णुता । तिइज्ज । वि [ तृतीय] तीसरा । तिइय संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष तिउक्खर न [त्रिपुष्कर ] वाद्य-विशेष । तिउट्ट सक [ त्रोटय् ] तोड़ना । परित्याग करना । तिउट्ट अक [ त्रुट् ] टूटना | मुक्त होना । तिउट्ट वि [ त्रुट्ट, त्रुटित ] टूटा हुआ । अपसृत । तिउड पुं [दे] कलाप, मोर- पिच्छ । तिउडग पुंन [त्रिपुटक] धान्य- विशेष । तिउडय न [ दे] मालव देश में प्रसिद्ध धान्यविशेष | लवङ्ग । तिउर न [त्रिपुर ] एक विद्याधर नगर । पुं. असुर - विशेष । णाह पुं [नाथ] वही । तिउरी स्त्री [त्रिपुरी ] नगरी - विशेष | तिमिच्छायण न [ चिकित्सायन ] नक्षत्र - गोत्र विशेष | तिगिच्छि स्त्री [ दे] पराग । तितवि [तीमित] भीजा हुआ । तितिण तितिणिय वि [दे] बड़बड़ करनेवाला, वाञ्छित लाभ न होने पर खेद से मन में जो आवे सो बोलनेवाला । Jain Education International तिइक्खा - तिमिच्छा तिकूड पुं [ त्रिकूट ] लंका का समीपवर्ती सुवेल पर्वत । शीता महानदी के दक्षिण किनारे पर स्थित पर्वत- विशेष । 'सामिय पुं ['स्वामिन् ] सुवेल पर्वत का स्वामी, रावण । तिक्ख वि [ तीक्ष्ण] तेज, पैना । सूक्ष्म । चोखा, शुद्ध । पुरुष, निष्ठुर । वेग-युक्त, क्षिप्र-कारी । क्रोधी, गरम प्रकृतिवाला । तीता, कडुवा । उत्साही । आलस्य रहित । चतुर । न. जहर । लोहा । युद्ध । हथियार । समुद्रका नोन । यवक्षार । श्वेतकुष्ठ | ज्योतिष-प्रसिद्ध तीक्ष्ण गण, यथा अश्लेषा, आर्द्रा, ज्येष्ठा और मूल नक्षत्र । तिक्खाल सक [तीक्ष्णय् ] तीक्ष्ण करना । तिउल वि [दे] मन, वचन और काया को तिक्खुत्तो अ [त्रिस्] तीन बार । पीड़ा पहुँचानेवाला; दुःख का हेतु । तिऊड देखो तिकूड | तिंगिआ स्त्री [ दे] कमल-रज । तिंगिच्छ देखो तिगिच्छ । तिक्ख सक [ तीक्ष्णय् ] तीक्ष्ण करना । तेज करना । उत्तेजित करना । तिग देखो तिअ = त्रिक । 'वस्सि वि [° वशिन् ] मन, वचन और शरीर को काबू में रखनेवाला । तिगसंपुण्ण न [त्रिकसंपूर्ण ] लगातार तीस दिन का उपवास । तिगिछ पुं [तिगिञ्छ] द्रह-विशेष । तिगिंछायण न [तिगिञ्छायन] गोत्र - विशेष । तिगिछि पुं [तिगिञ्छि ] पर्वत- विशेष | निषेध पर्वत पर स्थित एक हद । तिगिच्छ सक [चिकित्स्] प्रतीकार करना, इलाज करना । तितिणी स्त्री [तिन्त्रिणी] इमली का पेड़ । तिगिच्छ पुं [चिकित्स] वैद्य । तितिणी स्त्री [] बड़बड़ाना | तिदुइणी स्त्री [तिन्दुकिनी] वृक्ष- विशेष । तिदुग [तिन्दुक ] तेंदू का पेड़ । न. तिंदुयफल-विशेष | श्रावस्ती नगरी का एक उद्यान । त्रीन्द्रिय जन्तु की एक जाति । तिंदूस पुंन [तिन्दूस क] वृक्ष-विशेष | तिंदूसग } गेंद 1 क्रीड़ा-विशेष | तिकल्लन [ त्रैकाल्य ] तीनों काल का विषय । तिगिच्छ पुं. निषेध पर्वत पर स्थित एक द्रह | न. देवविमान - विशेष । तिगिच्छ न [ चैकित्स] चिकित्सा शास्त्र । तिमिच्छा वि [चिकित्सक ] प्रतीकार तिमिच्छय करनेवाला । पुं. वैद्य । तिमिच्छय न [ चैकित्स्य ] चिकित्सा-कर्म | तिमिच्छा स्त्री [चिकित्सा ] प्रतीकार, दवा | सत्थन ['शास्त्र ] आयुर्वेद, वैद्यक इलाज, For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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